आगर-मालवा में तेज रफ्तार बस अनयंत्रित होकर पलटी, बच्ची की मौत; 20 लोग घायल
A speeding bus lost control and overturned in Agar-Malwa, girl died; 20 people injured
आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले के सुसनेर से एक दुर्घटना का मामला सामने आया है। आगर-मालवा जिले के सुसनेर में बुधवार सुबह इंदौर कोटा हाईवे पर एक तेज रफ्तार बस पलट गई। घटना में एक 6 साल की बच्ची की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। हादसे में आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बस दिल्ली से इंदौर जा रही थी, तभी सुबह करीब 6 बजे ड्राइवर को नींद का झोका आने से बस सड़क से उतरकर नीचे पलट गई। इसमें करीब 30 लोग सवार थे, जिसमें मौके पर ही एक बच्ची की मौत हो गई। जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर और एसपी तुरंत सुसनेर अस्पताल पहुंचे और जानकारी ली।
क्यों होते हैं हादसे?
उज्जैन- झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग शहरी क्षेत्र में बन तो गया कि मगर अब यह भी धीरे-धीरे अतिक्रमण की जद में समाने लगा है। गाड़ी चालक इतने लापरवाह बने हुए हैं कि हाईवे के किनारे बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े कर रहे हैं। इसके कारण सड़क संकरी हो जाती है। इस वजह से हर समय हादसे का डर लगा रहता है। वाहन चालकों की लापरवाही के कारण बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
इधर, नगरीय क्षेत्र में बनाई गई सर्विस रोड पर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। ऐसे में दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों के साथ ही बड़े-बड़े भारी वाहन भी हाईवे किनारे ही खड़े हो रहे हैं। जो हादसों को न्योता दे रहे हैं। ऐसी ही स्थिति पुराने पेट्रोल पंप से लेकर मोड़ी चौराहे तक बनी हुई है।
सड़क किनारे वाहन खड़ा करने पर मिलती ये सजा
सड़क किनारे खड़े वाहनों की वजह से पीछे से आने वाले वाहन चालकों को आगे नहीं दिख पाता और दुर्घटना हो जाती है। सड़क किनारे खड़े वाहनों की वजह से रास्ता आधा घिर जाता है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने पर जुर्माना लगाया जाता है।
अगर कोई वाहन सड़क किनारे खड़ा किया जाता है तो ट्रैफिक पुलिस और निगम क्रेन से उसे उठाकर थाने ले जाता है, वहां जुर्माना भरने के बाद ही वाहन छोड़ा जाता है, लेकिन नगर में ट्रैफिक पुलिस का अभाव होने के कारण यह कार्रवाई कभी भी शहर में नहीं हो पाई है।