July 3, 2025

समूहों के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों की शुरुआत, नवीनतम तकनीकी और उद्योग आधारित आजीविका अवसर

0

भोपाल

प्रदेश सरकार का महिला मिशन महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। सरकार ने महिलाओं के समग्र विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। इस मिशन के तहत, महिलाओं को उद्यमिता, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसर दिये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं का प्रभाव ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत गरीब परिवार के लगभग 62 लाख सदस्यों को, लगभग 5 लाख स्व-सहायता समूहों से जोडा गया है। इनमें से लगभग 15 लाख परिवारों की सालाना आय न्यूनतम 1 लाख से अधिक अथवा करीब 10-12 हजार रुपये महीने तक पहुंची है। यह आंकडे मध्यप्रदेश में आर्थिक उन्नयन के प्रयासों की सफलता को दर्शाते हैं।

समूहों के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों की शुरुआत

इस मिशन के तहत महिलाओं को स्व सहायता समूह बनाकर कई प्रकार के व्यवसायों की शुरुआत करने का अवसर मिला। इन व्यवसायों में स्कूली ड्रेस सिलाई, पोषण आहार का संचालन, टोल टैक्स बैरियर प्रबंधन, राशन की दुकानों का संचालन, जल प्रबंधन, पंचायतों में कर संग्रहण और सड़कों के रख-रखाव जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली। मिशन के समूहों से जुड़े परिवारों को आजीविका के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिये लगातार प्रशिक्षण, मार्गदर्शन के साथ-साथ वित्तीय सहयोग भी दिया जा रहा है।

विगत एक वर्ष में मिशन के अंतर्गत 48,655 महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही 479 ग्राम संगठन (व्ही.ओ.) और 35 संकुल स्तरीय संगठन (सी.एल.एफ) स्थापित किए गए हैं, जो ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे रहे हैं।

मिशन ने 21,860 स्व-सहायता समूहों को कुल 43.57 करोड़ रुपये परिक्रामी निधि (रिवाल्विंग फण्ड) और 14,657 समूहों को 129.92 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्रदान की है। इसके अलावा, विभिन्न बैंकों से 1,38,192 समूहों को 3,115 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है, जो इन समूहों के आर्थिक विकास में सहायक बन रहा है।

नवीनतम तकनीकी और उद्योग आधारित आजीविका अवसर

 स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय और आजीविका के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना प्रारम्भ की गयी। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि प्रयोजनों के लिए किसानों को ड्रोन किराए पर देने में सक्षम बनाती है  नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवीन तरल उर्वरकों के पत्तों पर छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग से कृषि में उन्नत तकनीक की शुरुआत करती है। योजना मे इस वर्ष प्रदेश की 89 महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा ड्रोन भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो कृषि कार्यों में आधुनिक तकनीकी का उपयोग बढ़ा रहे हैं।

कृषि और पशुपालन में नई दिशा

कृषि, पशुपालन, दुग्ध उत्पादनतथा गैर वानकी लघु वनोपज संग्रहणके क्षेत्र में भी आजीविका मिशन द्वारा बडे पैमाने पर समूह सदस्यों को संगठित कर प्रोड्यूसर कंपनियों से जोड कर लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में गठित 135 प्रोड्यूसर कंपनियों के माध्यम से कृषि, कुक्कुट पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, लघु वनोपज आदि के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में कामयावी मिली है।

मध्यप्रदेश में आजीविका मिशन द्वारा 2,84,000 परिवारों को कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10.83 लाख टन अनाज का उपार्जन किया गया है, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सका है। इसके अलावा, 7 किसान उत्पादक कंपनियों का गठन किया गया है, जिनमें 928 समूह सदस्यों को जोड़ा गया है। ये कंपनियां किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर विपणन और मूल्य में वृद्धि के लिए सहायता प्रदान कर रही हैं।

दीदी कैफे

केन्द्र सरकार के सौ दिनों में लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य मिलने के बाद मध्यप्रदेश में 96 हजार 240 बहनें लखपति दीदी बन गईं। इनको मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्तीय सहायता, बाज़ार सहायता एवं तकनीकी सहायता दी गई है। इनके स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक बनाने के लिये डिजीटल प्लेटफार्म पर लाकर ऑनलाईन मार्केटिंग की जा रही है। प्रदेश में लगभग 46,000 परिवारों को गैर कृषि आधारित लघु उद्यम गतिविधियों से जोड़ा गया है और 20 नए दीदी कैफे की शुरुआत की गई है। इन कैफे के माध्यम से महिलाएं अपनी आजीविका चला रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में नई रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। यह गर्व का विषय है कि 25 अगस्त 2024 को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुना जिले की लखपति दीदी श्रीमती गंगा अहिरवार को सम्मानित किया गया ।

आजीविका मार्ट और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना

आजीविका मार्ट, भोपाल द्वारा पिछले एक वर्ष में 9.73 करोड़ रुपये की बिक्री की गई है, जो ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को बाजार में स्थापित करने का एक सफल उदाहरण है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) के तहत 1,217 समूह सदस्यों को 348.38 लाख रुपये का सीड कैपिटल अनुदान प्रदान किया गया है, जिससे उनके छोटे-छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्यम को बढ़ावा मिला है।

लखपति दीदी और मिलेट आधारित आजीविका संवर्धन

लखपति दीदी इनिशिएटिव कार्यक्रम के तहत 13.69 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनका उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।  लखपति दीदी संगीता मालवीय ने 25 अगस्त 2024 को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से संवाद करने का अवसर मिला। इसके साथ ही मिलेट आधारित आजीविका संवर्धन के तहत 9,000 महिला समूहों को मिलेट उपार्जन और प्रसंस्करण गतिविधियों से जोड़ा गया है। जिले डिण्‍डौरी और सिंगरौली में आधुनिक मिलेट प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं, जो इन महिलाओं के लिए नई आजीविका के अवसर पैदा कर रही हैं।

ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर

आजीविका मिशन के तहत 79,634 ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। डी.डी.यू.जी.के.वाई. और आरसेटी के माध्यम से इन युवाओं को रोजगारोन्मुखी और स्वरोजगार प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आया है।

राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम

महिला समूह सदस्यों ने पात्रता अनुसार शासन की योजनाओं का आगे बढकर लाभ लिया है। स्वच्छता अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पर्यावरण संरक्षण, बचत, बैंकिंग, डिजीटल लेन-देन, सुरक्षा बीमा आदि क्षेत्रों में उनके द्वारा न केवल स्वयं लाभ लिया गया है अपितु दूसरेलाभार्थियोंके लिए मददगार भी बनी है। घरेलू हिंसा में कमी, लिंग भेद में कमी लाने के प्रयास करना तथा अन्य शासकीय अभियानों, शासकीय योजनाओं तथा सामुदायिक विकास के मुद्दों तथा निगरानी में भागीदारी बढी है।

विगत पंचायत निर्वाचन में प्रदेश में लगभग 17 हजार समूह सदस्य महिलायें पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य आदि पदों पर निर्वाचित हुई हैं यह आंकडा बताता है कि विकास की मुख्यधारा से जुडकर जागरूक हुई महिलायें अपने सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण के साथ-साथ राजनैतिक सशक्तीकरण की ओर भी तेजी से अग्रसर है।

मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो रहा है साथ ही समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ग्रामीण महिलाएं अब न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं, बल्कि समाज और राजनीति में भी अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor

slot deposit 5000 tanpa potongan

mahjong

spaceman slot

https://www.deschutesjunctionpizzagrill.com/

spbo terlengkap

cmd368

368bet

roulette

ibcbet

clickbet88

clickbet88

clickbet88

bonus new member 100

slot777

https://bit.ly/m/clickbet88

https://vir.jp/clickbet88_login

https://heylink.me/daftar_clickbet88

https://lynk.id/clickbet88_slot

clickbet88

clickbet88

https://www.burgermoods.com/online-ordering/

https://www.wastenotrecycledart.com/cubes/

https://dryogipatelpi.com/contact-us/

spaceman slot gacor

ceriabet link alternatif

ceriabet rtp

ceriabet

ceriabet link alternatif

ceriabet link alternatif

ceriabet login

ceriabet login