EV: नितिन गडकरी का एलान – लिथियम बैटरी की कीमतों में गिरावट से ईवी सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, जानें डिटेल्स

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि लिथियम बैटरियों की कीमतों में कमी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लागत में काफी गिरावट आएगी। जिससे वे आम लोगों के लिए ज्यादा किफायती बन जाएंगे।
सोमवार को गडकरी ने कहा कि भारत में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है और इसमें सबसे बड़ा योगदान ट्रांसपोर्ट सेक्टर का है। इसलिए पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों से हटकर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाना बहुत जरूरी है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि बैटरी तकनीक में हो रही प्रगति भारत को सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की तेल पर निर्भरता न सिर्फ आर्थिक रूप से भारी पड़ रही है। बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है। हर साल करीब 22 लाख करोड़ रुपये ईंधन आयात पर खर्च हो रहे हैं। इस वजह से साफ ऊर्जा को अपनाना देश के विकास के लिए जरूरी है।
ठाणे में एक ईको-फ्रेंडली इलेक्ट्रिक साइकिल लॉन्च के मौके पर गडकरी ने कहा कि शहरीकरण बढ़ने के कारण साइक्लिंग को भी एक टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इतनी तेजी से बढ़ा है कि यह जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है।
गडकरी ने कहा कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा, जिससे ग्लोबल ऑटो मार्केट पर बड़ा असर पड़ेगा।
ईवी की लागत कम होगी
गडकरी ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में आई तेज गिरावट (अब 100 डॉलर प्रति kWh) ने इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा सुलभ बना दिया है। और उनकी कीमतें पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर आने के करीब हैं।
उन्होंने बताया, “कुछ साल पहले लिथियम की कीमत 150 डॉलर प्रति किलोवॉट थी, जो अब घटकर लगभग 100 डॉलर रह गई है। यह और कम होगी, तो इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें भी कम हो जाएंगी, जिससे आम लोगों को ये सस्ते में मिल सकेंगे।”
गडकरी ने कहा, “प्रदूषण हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती है और इसका एक बड़ा हिस्सा परिवहन क्षेत्र से आता है।” उन्होंने दोहराया कि इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन पर शिफ्ट होना सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से ही जरूरी नहीं है। बल्कि यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद होगा।
उन्होंने भारत में पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन समाधान की खोज में बैटरी से चलने वाले वाहनों (BEV) के महत्व को दोहराया।
नई बैटरी तकनीकों पर शोध
गडकरी ने कहा कि भारत में बैटरी तकनीक पर लगातार शोध हो रहा है, जिसमें सेमी-कंडक्टर्स, लिथियम-आयन, जिंक-आयन, सोडियम-आयन और एल्युमिनियम-आयन बैटरी शामिल हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग एक बड़ा निर्यात अवसर है। जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और व्यापार संतुलन सुधरेगा।
गडकरी ने हाल ही में हीरो के एक संयंत्र का उद्घाटन करने के लिए पंजाब के लुधियाना की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, “भारत की 50 प्रतिशत टू-व्हीलर अब निर्यात की जा रही हैं, और हमें घरेलू बाजार से ज्यादा फायदा निर्यात से हो रहा है।”
मंत्री ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, “बजाज और टीवीएस जैसे पारंपरिक दोपहिया वाहन निर्माताओं ने एक बार चार्ज करने पर 125 किलोमीटर की रेंज वाले वाहन बनाए हैं। लखनऊ और कानपुर शहरों के युवाओं ने 60 किलोमीटर की रेंज वाली बाइक का निर्माण शुरू कर दिया है।” इस अध्ययन से पता चलता है कि एक बाइक आम तौर पर प्रति दिन अधिकतम 24-26 किलोमीटर की यात्रा करती है।
बायोफ्यूल और किसानों के लिए नई संभावनाएं
गडकरी ने कहा कि सरकार कृषि अपशिष्ट से बायोफ्यूल बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें बायो-सीएनजी और बायो-एविएशन फ्यूल शामिल हैं। इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और प्रदूषण कम होगा।
उन्होंने कहा, “अब किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं रहेंगे, बल्कि ऊर्जा दाता भी बनेंगे।”
सरकार की नीति “आयात प्रतिस्थापन, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी” तकनीकों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
गडकरी ने बताया कि सरकार पराली से बायोफ्यूल बनाने की योजना पर भी काम कर रही है> जिससे किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इससे प्रदूषण कम होगा।
उन्होंने कहा, “हरियाणा के किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। लेकिन अब हम इसे बायोफ्यूल में बदल रहे हैं। इस दिशा में 400 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिनमें से 60 पहले से ही काम कर रहे हैं।”
शहरी परिवहन में साइक्लिंग को बढ़ावा
गडकरी ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के मद्देनजर साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष साइकिल ट्रैक बनाए जाने चाहिए। ताकि पर्यावरण के अनुकूल यात्रा को प्रोत्साहन मिले, सड़क सुरक्षा बढ़े और ट्रैफिक जाम की समस्या कम हो।
उन्होंने कहा, “भारत में नवाचार और प्रतिस्पर्धा के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है, जिससे देश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण, वैकल्पिक ईंधन और ग्रीन मोबिलिटी समाधानों का प्रमुख केंद्र बन रहा है।”
गडकरी ने दोहराया कि भारत हरित तकनीकों को अपनाकर प्रदूषण कम करने, आयात लागत घटाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
“पहले लोग विश्वास नहीं करते थे”
गडकरी ने याद किया कि जब उन्होंने पहली बार इलेक्ट्रिक वाहनों और ई-बाइक्स के बारे में बात की थी, तो लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
उन्होंने कहा, “जब मैंने इलेक्ट्रिक कार और ई-बाइक की बात की थी, तो लोग हंसते थे, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं।”
उन्होंने बताया कि हाल ही में टाटा ने हाइड्रोजन सेल से चलने वाले ट्रक पेश किए हैं, जो भारत में उन्नत तकनीक और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गडकरी ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक, युवा इंजीनियरों की प्रतिभा और कृषि नवाचारों के मेल से भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रहेगा।