सतना से 18 लोगों की टोली हाथी को लेकर आई थी भोपाल, रात करीब 9 बजे के आसपास हुआ हादसा
भोपाल
छोला मंदिर थाना क्षेत्र स्थित भानपुर ब्रिज के पास कांप्लेक्स के पास रुके महावत को बुधवार रात हाथी ने कुचल दिया। रात करीब 9 बजे के आसपास सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने महावत की लाश हाथी के पास से बरामद कर पीएम के लिए भेज दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार नरेंद्र कपाड़िया पिता शीतल कपाड़िया (35) गांव सलैया, तहसील नागौद जिला सतना का था। नरेंद्र कपाड़िया के चाचा भूपेंद्र कपाड़िया ने बताया कि वह भतीजे नरेंद और 18 लोगों के साथ अपने हाथी ननकी को लेकर कल ही भोपाल आए थे। दिन भर उन्होंने यहां मोहल्ले में भ्रमण किया और शाम को वह भानपुर ब्रिज के पास पहुंचे थे। भानपुर ब्रिज के पास कांप्लेक्स वाले ने उन्हें पानी देने का कहा और रुकवाने के लिए तैयार हो गया। लिहाजा सभी लोग वहीं डेरा लगाकर रुक गए थे।
जहां हाथी बंधा था, वहीं मिली लाश
भूपेंद्र कुमार ने बताया कि कल शाम सभी लोगों ने भोजन किया और आराम कर रहे थे। रात करीब 9 बजे वह ननकी के पास पहुंचे तो उन्हें कोई पड़ा नजर आया। उन्होंने टार्च से देखा तो वहां पड़ा व्यक्ति नरेंद्र था। नरेंद्र के कान और नाक से खून बह रहा था और हाथ में भी चोट थी। इसके बाद उन्होंने कांप्लेक्स के गार्ड को जानकारी दी। गार्ड की सूचना पर डायल 100 की टीम पहुंची और निरीक्षण किया। निरीक्षण करने पर पता चला कि ननकी के पैरों से कुचलकर नरेंद्र की मौत हुई है।
दो साल से ननकी है साथ
भूपेंद्र कुमार ने बताया कि उनका हाथ ननकी दो साल से उनके पास है, लेकिन अभी तक ननकी ने किसी तरह की कोई घटना नहीं की। वह शांत स्वभाव का है, लेकिन बुधवार रात हुई घटना से वह डरे हुए हैं। ननकी ने अभी तक किसी को घायल तक नहीं किया था। उनका अनुमान है कि नरेंद्र गलती से ननकी के पैर के नीचे आ गया होगा।
आज की थी वापसी
18 लोगों की टोली बुधवार को ही भोपाल पहुंची थी। भोपाल में दिनभर यहां वहां भ्रमण कर दीक्षा लेने के बाद गुरुवार सुबह सभी की सतना अपने गांव वापसी थी। इसी बीच यह हादसा हो गया। नरेंद्र का शव पीएम के लिए मर्चूरी भेज दिया गया है। पीएम के बाद महावत नरेंद्र का शव अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाएगे।