श्रेष्ठ समाज से बनता है सशक्त और समृद्ध राष्ट्रः भिसे
A strong and prosperous nation is created from an excellent society: Bhise
प्रबुद्ध नागरिकों ने किया उस्ताद अलाउद्दीन खॉ संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक का सम्मान।
ग्वालियर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का भाषा शोध अनुसंधान केंद, साहित्यिक पत्रिकाओं पर होगा काम।
संतोष सिंह तोमर
ग्वालियर। स्वर्गीय श्रीमती प्रवीणा पाण्डेय इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) के तत्वावधान में आईकॉम सेंटर पर सम्मान समारोह आयोजित किया गया। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने उस्ताद अलाउद्दीन खॉ संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक का सम्मान किया।

99वां विश्व संगीत समागम-तानसेन समारोह के उपलक्ष में आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक जयंत माधव भिसे थे। अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष प्रकाश पराढ़कर ने की। कार्यक्रम के सूत्रधार और सेंटर डायरेक्टर डॉ. केशव पाण्डेय ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि 99 साल के इतिहास में शहर में पहली बार ऐसा नेक कार्य हुआ है जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं तारीफ की। तबला वादन शहर में हुआ लेकिन देश और दुनिया में इसकी गूंज सुनाई दी। वर्ल्ड रिकॉर्ड ने वास्तविक रूप से संगीत नगरी की सार्थकता को सिद्ध कर दिया।

अध्यक्षता कर रहे श्री पराढ़कर ने कहा कि ग्वालियर संगीत, हॉकी और राजनीति में अजातशत्रु जैसे व्यक्तित्व अटलजी की वजह से अपनी खास पचान रखता है। अब नई पहचान बनने जा रही है वह होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का भाषा शोध अनुसंधान केंद्र। जहां देश और दुनिया के साहित्यकार और शब्द शिल्पी शोध कर सकेंगे। नई पीढ़ी जो होती है उसका कर्तव्य बनता है कि वह इस पहचान को आगे बढ़ाए। इस तरह के आयोजन से अच्छे कार्य और व्यक्ति के बारे में प्ररेणा मिलती है।
पारिवारिक दृढ़ता बनाएं रखें
मुख्य अतिथि भिसे ने कहा कि हमें संघर्षों से आजादी मिली। इसे टिकाए रखना कठिन कार्य होता है। डॉ. हेडगेवार जी ने ऐसे देशभक्तों को तैयार करना या समूह बनाना आवश्यक समझा, जो इस देश की आजादी को कायम रख सकें। इसलिए उन्होंने पराढ़कर जैसे कुछ पारस तैयार किए- जो, जिसे स्पर्श करें तो वह देशभक्त जैसे सोना बन जाएं।
हमें अच्छे लोगों के समूह बनाने होंगे, जो संगीत की बेहतरी के साथ ही नगर की भलाई के लिए काम कर सकें।

उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले हमें स्वस्थ्य मानसिकता के साथ अपने लिए जीना होगा। जब स्वस्थ्य होकर सकारात्मक सोच रखेंगे तभी हम परिवार, समाज और राष्ट्र का भला कर सकेंगे। क्योंकि पाश्चात्य देशों में अंतिम इकाई व्यक्ति होता है जबकि हमारे देश में परिवार। जब परिवार श्रेष्ठ होगा तभी हमारा देश सशक्त और समृद्ध बनेगा। इसके लिए जरूरी हो जाता है कि हमें भारतीयता, मानसिकता और पारिवारिकता को पुनर्जीवित करने और उसे सुदृढ़ करना होगा। क्योंकि पारिवारिक दृढ़ता ही सुखी, समृद्ध और सशक्तता की प्रतीक है।
कार्यक्रम का संचालन महेश मुदगल ने तथा आभार व्यक्त पंडित रामबाबू कटारे ने किया। इससे पूर्व डॉ. केशव पाण्डेय ने मुख्यअतिथि श्री भिसे और अध्यक्षता कर रहे पराढ़कर का शॉॅल, श्रीफल एवं स्मृति चिंह भेंट कर सम्मान किया। उनके बाद शहर के प्रबुद्धजनों ने भी उन्हें सम्मानित किया।
इन्होंने किया सम्मान
महेश दत्त पाराशर, विवेक सुडेले, एसके शर्मा, विनोद शर्मा, पीडी पाण्डेय, सुरेंद्र सिंह कुशवाह, डॉ. बृजेश शर्मा, विजय पाराशर, डॉ. आदित्य भदौरिया, एवेंजल चाकौ, आदेश सक्सेना, सुरेश शर्मा, डॉ. निर्मला कंचन, एसके शर्मा, विजय पाण्डेय, मनीष मौर्य, जितेंद्र जादौन, जितेंद्र शर्मा सरपंच, संतोष पाण्डेय, संतोष वशिष्ठ, हितेश डेमला, सचिन पाण्डेय, हरिओम गौतम, राजेंद्र मुदगल एवं मनीष शर्मा प्रमुख हैं।