LAC के पास हादसा: लद्दाख में नदी पार करने का अभ्यास कर रहे टैंक सवार जवान बहे, JCO सहित पांच ने गंवाई जान
Accident near LAC: Soldiers riding a tank while practicing to cross the river in Ladakh were washed away
Accident near LAC: Soldiers riding a tank while practicing to cross the river in Ladakh were washed away, five including JCO lost their lives.
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास टैंक से श्योक नदी पार करने के अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में सेना के जेसीओ सहित पांच जवानों की मौत हो गई।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में टैंक से श्योक नदी पार करने के अभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में जेसीओ सहित पांच जवान की जान चली गई। यह दुर्घटना रात एक बजे के करीब चुशूल से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास हुई। नदी में अचानक आई बाढ़ के चलते यह हादसा हुआ। रक्षा प्रवक्ता पीएस सिंधु अनुसार तथ्यों की जांच चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सेना के जवान टी-72 टैंक में सवार होकर नदी पार कर रहे थे। इसी दौरान अचानक से बाढ़ आ गई। देखते ही देखते नदी के बढ़ते जलस्तर ने आसपास की जगह को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। टैंक भी तेजी के साथ तेज बहाव की चपेट में आने लगा।
सेना के जवानों की कड़ी कोशिश के बाद भी टैंक से नियंत्रण कम होता गया। ऐसे में तेज बहाव का पानी सेना के पांच जवानों और टैंक को बहा कर ले गया। हादसे की जानकारी मिलते ही तुरंत सेना की अन्य टीमें मौके पर पहुंची।
राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। बाढ़ के पानी के बीच बचाव कार्य चलाना चुनौतियों से भरा था। लेकिन फिर भी जवान अपने साथियो को बचाने के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शनिवार दोपहर अधिकारियों ने जानकारी दी कि टैंक में सवार जेसीओ सहित पांच बहादुर जवानों ने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी है। सभी शवों को बरामद कर लिया गया है।
शवों को अस्पताल ले जाया गया है। यहां से आगे की प्रक्रिया शुरू की गई है। देश की रक्षा के लिए तैनात पांच जवानों ने अपना बलिदान दे दिया है। इस दुख की घड़ी में जम्मू कश्मीर, लद्दाख सहित देशभर के लोग सेना के उन पांच वीर जवानों के परिवार के साथ खड़े हैं।
ये जवान हुए बलिदान
हादसे का शिकार हुए जवानों के नाम आरआईएस एमआर के रेड्डी, डीएफआर भूपेंद्र नेगी, एलडी अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान (6255 एफडी वर्कशॉप), सीएफएन नागराज पी (एलआरडब्ल्यू) हैं।
रक्षा मंत्री ने हादसे पर जताय दुख, बोले- दुख इस घड़ी में देश शोक संतप्त परिवारों के साथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख हादसे पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि दुख के इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘लद्दाख में नदी पार कराते समय हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में हमारे पांच बहादुर भारतीय सेना के जवानों की जान जाने से मुझे गहरा दुख हुआ है…शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। दुख की इस घड़ी में राष्ट्र उनके साथ खड़ा है।’
टी-72 में तीन के बजाय, 5 जवान बैठे थे
आमतौर पर इस टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। प्रैक्टिस के दौरान इसमें 5 जवान सवार थे। टी-72 टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायामीटर वाले स्नोर्कल की मदद से नदी पार करता है।
इमरजेंसी के लिए इस पर सवार क्रू के सभी सदस्यों के रीब्रीदर दिया जाता है। अगर टैंक का इंजन पानी के भीतर बंद हो जाता है, तो इसे 6 सेकंड के भीतर फिर से चालू करना होता है। ऐसा नहीं करने पर कम दबाव होने के कारण T-72 के इंजन में पानी भर जाता है।
अजेय कहलाता है टी -72
जिस टी -72 टैंक के साथ जवान प्रैक्टिस कर रहे थे, वह भारत में अजेय नाम से जाना जाता है। इसे 1960 में रूस में बनाया गया और 1973 में सोवियत सेना में शामिल किया गया था। यूरोप के बाद भारत ऐसा पहला देश था जिसने रूस से यह टैंक खरीदा था। भारतीय सेना में अजेय टैंक के तीन वैरियंट की कुल 2400 यूनिट शामिल हैं।
इस टैंक का वजन 45 टन के करीब है, जो 780 हॉर्सपावर जेनेरेट करता है। इसे न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल हमलों से बचने के लिए बनाया गया है। इसमें फुल एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर भी होता है। टैंक पर 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी हुई है, जिससे एक बार में एक साथ 300 राउंड फायर होते हैं। यह 1500 मीटर दूर बैठे दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हादसे पर जताया दुख
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हादसे पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘ लद्दाख में एक नदी पार करते समय एक जेसीओ सहित 5 भारतीय सेना के बहादुरों की जान जाने से हम बहुत दुखी हैं। इस दर्दनाक त्रासदी के शिकार हुए सैन्य कर्मियों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं। हम वीर सैनिकों की अनुकरणीय सेवा के लिए उन्हें सलाम करते हैं। दुख की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त परिवारों के साथ है।’
सेना प्रमुख ने बहादुर सैनिकों के बलिदान पर शोक किया प्रकट
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे व सभी रैंकों के अधिकारियों ने लद्दाख हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि एक प्रशिक्षण गतिविधि के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पांच बहादुर सैनिकों की मृत्यु पर वे हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है।