April 24, 2025

9 महीने के इंतजार के बाद सुनीता विलियम्स की वापसी तय, जानें पूरा शेड्यूल

0

वाशिंगटन

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर के लिए राहत की खबर है। 9 महीने से ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) में फंसे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए भेजा गया Crew Dragon स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्वक ISS से जुड़ चुका है। 16 मार्च को डॉकिंग प्रक्रिया पूरी हुई, और अब वे 19 मार्च को धरती पर वापसी करेंगे। 14 मार्च को लॉन्च हुए Crew-10 मिशन ने ISS तक पहुंचकर चार नए अंतरिक्ष यात्रियों को वहां पहुंचाया और वापसी के लिए रास्ता साफ कर दिया।

सुनीता और विलमोर को सिर्फ एक हफ्ते बाद लौटना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की तकनीकी खराबी के चलते वे 9 महीने तक फंसे रह गए। अब NASA और SpaceX के इस मिशन के जरिए उनकी वापसी संभव हो रही है, और पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रही है।

कैसे हुई Crew-10 की लॉन्चिंग?

14 मार्च को स्पेसएक्स ने Crew-10 मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन के तहत फॉल्कन-9 रॉकेट से Crew Dragon कैप्सूल को अंतरिक्ष में भेजा गया। यह मिशन NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत भेजी गई 11वीं क्रू फ्लाइट थी। इस सफल लॉन्चिंग के बाद अब सुनीता विलियम्स की वतन वापसी की उम्मीदें मजबूत हो गई हैं।

क्या होती है डॉकिंग प्रक्रिया?

डॉकिंग वो प्रक्रिया होती है, जिसमें स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ता है। इसके पूरा होते ही अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेससूट उतारते हैं और कार्गो को उतारने की तैयारी शुरू होती है। इसके बाद हैच खोलकर ISS में प्रवेश किया जाता है। NASA इस मौके पर Crew-10 के स्वागत समारोह का सीधा प्रसारण भी करेगा।

सुनीता विलियम्स की वापसी पर डोनाल्ड ट्रंप की नजर

सुनीता विलियम्स की वापसी पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने टेस्ला के मालिक एलन मस्क से अनुरोध किया था कि इस मिशन को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को सुरक्षित वापस लाया जा सके।

स्पेसक्राफ्ट में कौन-कौन आया ISS?

इस मिशन के तहत ISS में चार नए एस्ट्रोनॉट पहुंचे हैं—

NASA की कमांडर: ऐनी मैक्कलेन

पायलट: अयर्स

जापान की JAXA एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री: ताकुया ओनिशी

रूस के कोस्मोनॉट: किरिल पेसकोव

ये स्पेसक्राफ्ट वापसी में अटलांटिक महासागर में लैंड कर सकता है।

9 महीने से ISS में फंसी थीं सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले साल 5 जून को ISS गए थे। उन्हें एक हफ्ते बाद लौटना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से वे 9 महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए थे। अब Crew-10 मिशन उनकी वापसी सुनिश्चित करेगा।

कैसा है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जहां 9 महीने से फंसी हैं सुनीता विलियम्स

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन वो अंतरिक्ष में मौजूद वो प्लेटफॉर्म है जहां अंतरिक्ष जाने वाली सवारियां उतरती हैं, यहां पर रहती हैं और विज्ञान के बड़-बड़े एक्सपेरिमेंट करती हैं. लेकिन धरती से यहां की जिंदगी एकदम ही अलग है. आप ये जानकर अचंभित हो सकते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 24 घंटे में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त होता है. ऐसा क्यों होता है हम आपको आगे बताएंगे? भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इसी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 9 महीने से फंसी है और धरती वापसी का इंतजार कर रही हैं.

अगर आप समझते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन अथवा दिल्ली एयरपोर्ट जैसा कोई स्थायी बना हुआ ढांचा है तो आप गलत हैं. दरअसल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कोई स्थिर संरचना नहीं है, बल्कि सतत घुमते रहने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन लगातार पृथ्वी का चक्कर काटते रहता है.

धरती से कितना दूर है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 403 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगाता रहता है. इस दौरान इसमें अंतरिक्ष यात्री मौजूद रहते हैं. यानी कि सुनीता विलियम्स पिछले 9 महीनों से लगातार पृथ्वी के चक्कर लगा रही है. इसका एक मतलब यह भी है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती से 403 किलोमीटर की दूरी पर है.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की स्पीड

लेकिन सबसे दंग करने वाला है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की स्पीड. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 17500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. इसे किलोमीटर में कहें तो इसका मतलब ये होगा कि 28163 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा करता है.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की साइज

अमेरिकी स्पेस एंजेसी नासा के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का आकार पांच बेडरूम वाले घर या दो बोइंग 747 जेटलाइनर जितना है. यहां
6 लोगों की टीम और कुछ मेहमान रह सकते हैं. इस वक्त स्पेस स्टेशन में 8 लोग हैं.

पृथ्वी पर अंतरिक्ष स्टेशन का वजन लगभग दस लाख पाउंड यानी कि 453592.37 किलोग्राम होगा. अगर इसके सभी छोर को मिलाकर इसका आकार मापा जाए तो इसकी लंबाई फुटबॉल मैदान के बराबर होगी. इस स्पेस स्टेशन में इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान और यूरोप के प्रयोगशाला मॉड्यूल शामिल हैं.

90 घंटे का दिन और 90 घंटे की रात का राज

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 24 घंटे में 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखने का अनुभव होता है. इसे आप इस तरह से भी कह सकते हैं कि यहां 90 मिनट का दिन और 90 मिनट की रात होती है और ऐसा 24 घंटे में 16-16 बार होता है.

ऐसा पृथ्वी के आकार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की बहुत तेज गति के कारण संभव होता है.

लगभग 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा करता है. इसमें उसे 90 मिनट लगते हैं. यानी कि एक चक्कर लगाने में 90 मिनट.

स्पेस स्टेशन में क्रू 10 के सदस्यों ने रविवार को सुनीता विलियम्स समेत दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों से मुलाकात की.

इसका मतलब है कि 24 घंटे में ISS पृथ्वी के चारों ओर लगभग 16 चक्कर (24 घंटे ÷ 90 मिनट = 16) लगाता है.

चूंकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में एक चक्कर पूरा करता है, इसका मतलब है कि हर चक्कर के दौरान ये स्पेस स्टेशन लगभग 45 मिनट दिन (सूर्य की रोशनी में) और लगभग 45 मिनट रात (पृथ्वी की छाया में) रहता है.

इसलिए हर चक्कर में, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक बार सूर्योदय (जब यह रात से दिन में प्रवेश करता है) और एक बार सूर्यास्त (जब यह दिन से रात में प्रवेश करता है) देखता है.

चूंकि ISS 24 घंटे में 16 चक्कर लगाता है, इसलिए यह 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखता है.

पृथ्वी का आकार (व्यास 12,742 किमी) और स्पेस स्टेशन की कक्षा की ऊंचाई (400 किमी) यह तय करती है कि ISS कितनी तेजी से पृथ्वी के चारों ओर घूम सकता है. यदि पृथ्वी बहुत बड़ी होती, तो एक चक्कर पूरा करने में अधिक समय लगता, और सूर्योदय-सूर्यास्त की संख्या कम होती.

पृथ्वी का आकार और ISS की कक्षा का संतुलन ऐसा है कि ISS हर 90 मिनट में पृथ्वी के दिन और रात वाले हिस्सों को पार करता है, जिससे यह अनोखा अनुभव संभव होता है.

अंतरिक्ष स्टेशन कितना पुराना है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था. एक रूसी रॉकेट ने रूसी ज़ार्या (ज़ार ईई उह) नियंत्रण मॉड्यूल लॉन्च किया. लगभग दो सप्ताह बाद, अंतरिक्ष शटल एंडेवर और ज़ार्या की मुलाकात हुई. अंतरिक्ष शटल यू.एस. यूनिटी नोड ले जा रहा था. क्रू के सदस्यों  यूनिटी नोड को ज़ार्या से जोड़ा.

स्पेस स्टेशन में अगले दो वर्षों में और हिस्से जोड़े गए जब तक कि ये रहने के लिए तैयार न हो गया. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहला चालक दल 2 नवंबर, 2000 को पहुंचा. तब से लोग अंतरिक्ष स्टेशन पर रह रहे हैं, समय के साथ और इक्विपमेंट जोड़े गए हैं. नासा और दुनिया भर के उसके साझेदारों ने 2011 में अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा किया.

वापसी की संभावित तारीख पक्की

इस बीच सुनीता विलियम्स को लेकर एक अच्छी खबर आई है. NASA ने उनकी वापसी की तारीख कंफर्म कर दी है. नासा ने रविवार शाम को एक बयान में कहा कि उसने अंतरिक्ष यात्रियों के फ्लोरिडा तट पर समुद्र में उतरने के अनुमानित कार्यक्रम को मंगलवार शाम 5:57 बजे (भारतीय मानक समयानुसार बुधवार को सुबह 3:27 बजे) तक आगे बढ़ा दिया है.

बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर दोनों ही अंतरिक्ष यात्री जून से ही अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे हुए हैं. वे जिस बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष गए थे उसमें तकनीकी समस्याएं आ गई थी. इसके बाद उसे पृथ्वी पर वापसी के योग्य नहीं पाया गया था.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor

slot deposit 5000 tanpa potongan

mahjong

https://www.deschutesjunctionpizzagrill.com/

spbo terlengkap

cmd368

roulette

ibcbet

clickbet88

clickbet88

clickbet88

sbobet88

slot gacor

https://bit.ly/m/clickbet88

https://vir.jp/clickbet88_login

https://heylink.me/daftar_clickbet88

https://lynk.id/clickbet88_slot

clickbet88

clickbet88