12 साल से एचआरडी शाखा में जमीं प्रभारी पर लगने लगी गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोप
Allegations of serious financial irregularities started being leveled against the ground in-charge of HRD branch for the last 12 years.
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भोपाल। शासकीय अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट कौशल पांडेय ने वन मंत्री से लेकर पीसीसीएफ एवं एपीसीसीएफ विजिलेंस को पत्र लिखकर वन विभाग के मानव संसाधन विकास शाखा में 12 साल से पदस्थ सहायक ग्रेड-2 एवं कार्यालय प्रभारी अधीक्षक विनीता फांसिस विल्सन और उनके मददगार सेवा निवृत्त कर्मचारी कृष्णन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाते हुए बर्खास्त करने की मांग की है। इसके अलावा शासकीय अधिवक्ता ने सीनियर अधिकारी से निष्पक्ष जांच का भी आग्रह किया है।
वन मंत्री और सीनियर अधिकारियों को संबोधित पत्र में शासकीय अधिवक्ता पांडे ने लिखा है कि विनीता फांसिस विल्सन सहायक ग्रेड-2 कार्यालय प्रभारी अधीक्षक के पास बजट आवंटन, भंडार कक्ष, भारतीय वन सेवा प्रशिक्षण, राज्य वन सेवा प्रशिक्षण, रेजर प्रशिक्षण, उपवन क्षेत्रपाल और वनरक्षक प्रशिक्षण का प्रभार है। अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विनीता फॉसिस विल्सन ने 65 वर्षीय सेवा निवृत्त कर्मचारी कृष्णन एवं एक अन्य महिला रिश्तेदार को जॉबदार पर कार्य पर रखा है। यही नहीं, प्रभारी अधीक्षक ने अपने घर का काम कराने के लिए एक काम वाली एक सर्वेंट को रखा है, जिसका वेतन भुगतान वनरक्षक प्रशिक्षण स्कूल के माध्यम से किया जाता है। पत्र में कथित रूप से आरोप लगाया गया है कि प्रतिमाह स्टेशनरी कय/कम्प्यूटर-प्रिंटर मरम्मत के फर्जी बिल तैयार कर भण्डार कय नियमों का उल्लघंन कर नियम विरूद्ध भुगतान किया जा रहा है। विल्सन प्रभारी अधीक्षक द्वारा एसी/ कुलर/वलफेन/हिटर/फोटो कापी मशीन / कम्प्यूटर/पिंटर/आलमरी अन्य कीमती समान सतपुड़ा भवन से वन भवन शिफ्टिंग के दौरान हेराफेरी की गई है।
प्रशिक्षु रेंजर और एसीएफ से भी स्टाइफंड की राशि रिलीज़ करने सहित अन्य मसलों की आड़ में धन वसूले जाते हैं।
हटाए जाने के बाद कृष्णन क्यों बैठते अधीक्षक कक्ष में..?
एचआरडी शाखा में 35 साल तक सेवा देने के बाद सेवानिवृत हुए कृष्णन आज भी शाखा में बैठकर काम करते नजर आएंगे। हटाए जाने के बाद कृष्णन क्यों बैठते अधीक्षक कक्ष में..? यह सवाल वन भवन में अधिकारी एवं कर्मचारियों के बीच यक्ष प्रश्न बना हुआ है। जबकि शाखा के पीसीसीएफ बिभाष ठाकुर ने साफ तौर पर कहा है कि कृष्णन एचआरडी शाखा में ना तो संविधान नियुक्ति है और न ही उनको दैनिक वेतन भत्ते पर रखा गया है। ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया है कि हमने उसे मना कर दिया है। इसके बाद भी कृष्णन आज भी एचआरडी शाखा के अधीक्षक कक्ष पर बैठा नजर आता है। कृष्णन पर नए रेंजर/ डिप्टी रेंजर और ट्रेनिंग स्कूलों को फंड रिलीज करने एवज में कमीशन बाजी के काम में लिप्त होने का आरोप है। इसके अलावा वह विभागीय रेंजरों की परीक्षा के पेपर की सेटिंग और परीक्षा कॉपी की डि-कोडिंग का काम करते हैं।