भोपाल प्रशासन का बड़ा फैसला, स्कूलों में ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगेगा, बच्चों की सेफ्टी के सही नहीं

Bhopal administration’s big decision, e-rickshaws will be banned in schools, not good for children’s safety
भोपाल: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शुक्रवार को कंट्रोल रूम में एक मीटिंग हुई। सांसद आलोक शर्मा ने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। मीटिंग में लेफ्ट-टर्न को सुधारने, ई-रिक्शा पर नियंत्रण रखने, ट्रांसफार्मर हटाने और पार्किंग व्यवस्था को ठीक करने जैसे मुद्दों पर बात हुई।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को उनके अधूरे प्लान के लिए फटकार लगाई गई और उन्हें एक हफ्ते में ट्रैफिक एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर लेफ्ट टर्न सुधार का प्लान पेश करने का निर्देश दिया गया। शहर के 42 चौराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या को दूर करने के लिए 3 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
ई-रिक्शा पर रोक
ई-रिक्शा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई गई और कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को ई-रिक्शा में स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इसलिए स्कूलों में ई-रिक्शा को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी था। मीटिंग में सड़कों से अतिक्रमण हटाने और कंडम वाहनों को हटाने पर भी बात हुई। सांसद शर्मा ने ट्रांसफार्मर और खंभों को हटाने की बात कही और पार्किंग व्यवस्था को आम लोगों के लिए आसान बनाने के निर्देश दिए।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार
सांसद आलोक शर्मा ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार भी लगाई। दरअसल, पीडब्ल्यूडी अधिकारी बिना किसी वर्किंग प्लान के मीटिंग में पहुंच गए थे। इस पर सांसद ने नाराजगी जताई। मीटिंग में संबंधित विभागों को कुछ निर्देश दिए गए। उन्हें मैनिट के ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से सभी 42 चौराहों की समीक्षा रिपोर्ट और एस्टीमेट तैयार करने को कहा गया। इससे जल्द से जल्द काम शुरू किया जा सके। ऐसा करने से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा। साथ ही, चौराहों की सुरक्षा और दृश्यता भी बेहतर हो जाएगी।