November 21, 2024

भोपाल: हाईकोर्ट ने पटवारी पवन कुशवाहा की बर्खास्तगी पर लगाई रोक, ग्रामीणों में थी गहरी नाराजगी

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Bhopal: High Court stayed the dismissal of Patwari Pawan Kushwaha, there was deep resentment among the villagers

Bhopal: High Court stayed the dismissal of Patwari Pawan Kushwaha, there was deep resentment among the villagers

Bhopal: High Court stayed the dismissal of Patwari Pawan Kushwaha, there was deep resentment among the villagers

भोपाल । मध्यप्रदेश (20 सितंबर 2024) — मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में प्राकृतिक आपदा राहत राशि में कथित वित्तीय अनियमितताओं के चलते बर्खास्त किए गए पटवारी पवन कुशवाहा को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी सेवा समाप्ति के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद कुशवाहा के समर्थकों और उनके गांव के किसानों में खुशी की लहर है।

क्या है मामला?

पटवारी पवन कुशवाहा पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2019, 2020 और 2021 में प्राकृतिक आपदा राहत राशि के वितरण में अनियमितताएं की थीं। कलेक्टर आगर ने इस मामले में जांच के बाद पवन कुशवाहा सहित तीन पटवारियों को दोषी ठहराते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया था।हालांकि, कुशवाहा ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्होंने सभी काम नियमानुसार और RBC 6.4 के तहत किए थे। कुशवाहा के वकील ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि राहत राशि का वितरण किसानों की सहमति से किया गया था और इसमें कोई अनियमितता नहीं थी।

ग्रामीणों का विरोध और धरना प्रदर्शन

पवन कुशवाहा की बर्खास्तगी के बाद उनके गांव के किसानों में गहरी नाराजगी देखी गई थी। जब उन्हें पहले निलंबित किया गया था, तो किसानों ने नालखेड़ा तहसील कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया था। किसानों ने तहसीलदार को पवन कुशवाहा के समर्थन में ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उनके कार्यों की सराहना की गई थी। किसानों का कहना था कि पवन कुशवाहा ने हमेशा नियमों का पालन किया और उनके हित में काम किया।

हाईकोर्ट का हस्तक्षेप

पवन कुशवाहा की बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और आगामी सुनवाई तक सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगा दी है। इस फैसले से पवन कुशवाहा को राहत मिली है, साथ ही उनके समर्थक और गांव के किसान भी इसे न्याय की दिशा में एक सही कदम मान रहे हैं।आगे की सुनवाई का इंतजार

अब इस मामले की अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है, जिसमें यह तय होगा कि पवन कुशवाहा को पूरी तरह से बहाल किया जाएगा या नहीं। उनके साथ बर्खास्त किए गए बाकी दो पटवारियों के मामले भी हाईकोर्ट में लंबित हैं, जिनकी सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है।इस मामले ने आगर-मालवा जिले में सरकारी तंत्र और स्थानीय प्रशासन के कामकाज पर भी सवाल उठाए हैं, खासकर तब, जब पवन कुशवाहा के काम से गांव के किसान पूरी तरह से संतुष्ट हैं।

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