राजस्थान-जयपुर ट्रेन से लाए जम्मू आतंकी हमले के चारों मृतकों के शव
जयपुर.
जम्मू-कश्मीर में मारे गए जयपुप के चौमूं परिवार के चारों शवों को ट्रेन (पूजा स्पेशल) से जयपुर लाया गया। यहां से शवों को कार से चौमूं और मुरलीपुरा (हरमाड़ा) भिजवाया गया। जैसे ही ट्रेन से शव उतारे गए लोगों ने बवाल कर दिया। पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोग धरने पर बैठ गए है। लोगों की ओर से पीड़ित परिवार के परिजनों को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की जा रही है। मौके पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है। इसके साथ ही भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है।
दूसरी तरफ चौमूं के पांच्यावाली ढाणी से हजारों की संख्या में लोगों ने रैली निकाली। यह रैली आज सुबह निकाली गई। इस रैली में लोगों में आतंकवाद को लेकर आक्रोश जाहिर किया। यह रैली चौमूं पहुंची। यहां पर भारी संख्या अभी भी लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि पीड़ित परिवार के बच्चों को गोद लेंगे।
आज होगा अंतिम संस्कार
आंतकी हमले में चौमूं निवासी राजेंद्र सैनी, उनकी पत्नी ममता सैनी की मौत हुई है। इसके साथ ही हरमाड़ा निवासी पवन सैनी की पत्नी पूजा सैनी व उनके दो साल के बेटे लिवांश की मौत हुई है। पवन इस आतंकी घटना में घायल हुए है। 9 जून की शाम को जम्मू कश्मीर में यह आतंकी घटना हुई। आज सुबह यह शव जयपुर लाए गए। आज गांव में इनका अंतिम संस्कार होगा। जिसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। वहीं गांव में माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया है। पीड़ित परिवारों में अब तक बच्चों को इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई है। ग्रामीण का कहना है कि एक बार शव आ जाए तब ही बच्चों को बताना मुनासिब होगा।
आंखें हुई नम, रेस्क्यू टीम के हाथ कांपे
आज सुबह ट्रेन से चारों मृतकों के शव जयपुर जंक्शन पर पहुंचे। इस दौरान कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, एडीएम साउथ शैफाली कुशवाहा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे। सुबह आठ बजे से ही अधिकारी जंक्शन पर मौजूद थे। पूजा एक्सप्रेस करीब साढ़े नौ बजे जंक्शन पर पहुंची। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। जब रेस्क्यू करने वाली टीम के कर्मचारी शवों को उतारने के लिए ट्रेन में चढ़े तो मृत बच्चे व अन्य शवों को देखकर उनके हाथ भी कांप उठे। लेकिन फिर मृतक बच्चे व अन्य शवों को उठाया और गाड़ियों में रखा। इस दौरान कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित के साथ पुलिस अधिकारियों की आंखें भी नम हो गई। रेलवे स्टेशन पर इस दौरान भारी भीड़ लग गई। हर किसी के चेहरे पर आतंकियों को लेकर गुस्सा साफ दिख रहा था। अधिकारी हो चाहे कर्मचारी या कोई ओर, सबका यही कहना था कि आखिर इस बच्चे व इन लोगों ने किसी का क्या बिगाड़ा था। जो इन्हें इतनी बेरहमी से मारा गया।