मवेशियों और गोवंश का लाखों का चारा जला, राजस्थान-केकड़ी कई गांवों में बाड़े धधके
केकड़ी.
केकड़ी जिले के ग्रामीण इलाकों में किसानों के बाड़ों में आग लग जाने से वहां रखा सूखा चारा राख हो गया। जानकारी के अनुसार, ग्राम अजगरा में 37 ट्रॉली चारा, ग्राम कोटड़ी में 20 ट्रॉली चारा और ग्राम जगपुरा में 15 ट्रॉली चारा जलकर स्वाहा हो गया। जानकारी के अनुसार, अजगरा ग्राम के धाकड़ मोहल्ले में रात को आग की लपटें उठ गई। देर रात में अचानक लगी आग से अफरा-तफरी मच गई।
पता चलते ही लोग आग बुझाने दौड़ पड़े, मगर थोड़ी ही देर में आग ने कई बाड़ों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने बाड़े के पास रखे ट्रैक्टर पंखे, डीजल पंपसेट आदि चलाकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। सूचना मिलने पर सरवाड़ व केकड़ी से दमकलें भी मौके पर पहुंच गई। दमकलकर्मियों व ग्रामीणों ने करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक करीब 37 ट्रॉली चारा, कुट्टी, मूंग का भूसा जलकर खाक हो गया। आग लगने से कैलाश धाकड़ का 15 ट्रॉली, शंकर धाकड़ का 15 ट्रॉली, हरिराम धाकड़ का तीन ट्रॉली, गोकुल धाकड़ का दो ट्रॉली और दुर्गा धाकड़ का दो ट्रॉली चारा, कुट्टी और मूंग का भूसा जलकर स्वाहा हो गया। आग लगने का कारण पता न चल सका। आगजनी की घटना से मवेशियों व गोवंश के चारे का संकट पैदा हो गया है। अजगरा सरपंच हरिराम शर्मा सहित ग्रामीणों ने आगजनी घटना से पीड़ित किसानों को आर्थिक मुआवजा दिलाने की मांग की है। इसी प्रकार केकड़ी क्षेत्र के ग्राम कोटडी में भी बाड़ों में रखे चारे में आग लग गई, जिससे 20 ट्रॉली चारा जलकर राख हो गया। सरवाड़ से आई दमकल ने आग पर काबू पाया। कोटडी गांव में धर्मेंद्र पुत्र महिपाल, रामचंद्र पुत्र रघुनाथ जाट, रामस्वरूप पुत्र भागीरथ जाट के बाड़े में रखे चारे में अचानक आग की लपटें उठती दिखी। आसपास के ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने पास ही गुजर रहे एक पानी के टैंकर को रोककर आग को बुझाने का प्रयास किया। मगर देखते देखते आग पूरे बाड़े में फेल गई। ग्रामीणों ने पानी के टैंकर से आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके, जिसके बाद सरवाड़ से आई दमकल ने आग पर काबू पाया। आग से लाखों रुपये का चारा जलकर स्वाहा हो गया।
इसी तरह सरवाड़ क्षेत्र के ग्राम जगपुरा में भी शनिवार की रात पटाखे से एक बाड़े में आग लग गई, जिससे करीब 15 ट्रॉली चारा जलकर राख हो गया। आग घीसालाल धाकड़ पटेल के मकान के पीछे बने बाड़े में लगी। इससे वहां रखे चारे ने आग पकड़ ली और थोड़ी देर में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। लपटों से गांव में शोर-शराबा मच गया और सभी अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास करने लगे। बाद में सरवाड़ व केकड़ी से दमकल पहुंची और जेसीबी मशीन से जले हुए चारे को हटाने का कार्य शुरू किया। करीब दो-तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। गनीमत रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।