छत्तीसगढ़-कबीरधाम में खरीदी केंद्रों पर 64 हजार क्विंटल कम मिली धान
कबीरधाम.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में धान खरीदी को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। केंद्रों के भौतिक सत्यापन के दौरान 95 उपार्जन केंद्रों में कुल 64 हजार 409 क्विंटल धान कम पाया है। इसका रेट सरकार के समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 14 करोड़ 60 लाख 4 हजार 847 रुपये हो रहा है। खरीदी के बाद जिला प्रशासन की टीम ने जब इन केंद्रों का भौतिक सत्यापन किया तो 95 उपार्जन केंद्रों में कुल 64 हजार 409 क्विंटल धान कम पाया है। इसका रेट सरकार के समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 14 करोड़ 60 लाख 4 हजार 847 रुपये हो रहा है।
भौतिक सत्यापन के दौरान अनियमितता पाए जाने पर कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने धान उपार्जन केंद्र प्रभारी के खिलाफ सोसायटी अधिनियम 1962 के तहत उनकी संपत्ति निलामी (कुर्की) कर वसूली की कार्रवाई, निलंबन और बर्खास्तगी करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने इन धान खरीदी केंद्रों को ब्लैक लिस्टेड करने के प्रस्ताव भी शासन को भेजने को कहा है। जिले के धान उपार्जन केंद्र समनापुर (बोड़ला) में 3436 क्विंटल, रणजीतपुर में 2836 क्विंटल, सरईसेत में 2731.5 क्विंटल, सुकली गोंविद में 2717.6 क्विंटल, मोहगांव में 2140.41 क्विंटल, समनापुर में 1956.12 क्विंटल, राजानवांगांव में 1828.14 क्विंटल, सुरजपुरा में 1817.58 क्विंटल, करपीगोड़ान में 1805.5 क्विंटल, बघर्रा में 1638.77 क्विंटल, बिरोड़ा में 1532.42 क्विंटल, रक्से में 1518.8 क्विंटल धाम कम पाए गए है। यहां के समिति प्रबंधन, धान खरीदी प्रभारियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि जिले के 108 उपार्जन केंद्र में धान खरीदी के बाद रख-रखाव, सुरक्षा व्यवस्था, शत प्रतिशत धान का उठाव और शेष धान का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। भौतिक सत्यापन के लिए खाद्य, सीसीबी नोडल, विपणन और सहकारी सेवा संस्थाएं के विभाग की संयुक्त टीम गठित की गई है। टीम द्वारा भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। पूर्व में पंडरिया ब्लॉक के धान उपार्जन केन्द्र ग्राम कोदवागोड़ान के प्रभारी के खिलाफ कुकदूर में एफआईआर दर्ज किया गया है। इसके बाद प्रभारी को बर्खास्त कर सोसायटी अधिनियम 1962 नियम के तहत उनकी संपत्ति कुर्की कर वसूली करने के निर्देश दिए है। संयुक्त टीम द्वारा धान उपार्जन केन्द्र कोदवागोड़ान में भौतिक सत्यापन करने पर 4 हजार 160 क्विंटल धान कम पाया गया था, जिसकी लागत 90 लाख 81 हजार 829 रूपए आंकी गई है।