LATEST NEWS

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने के लिए कार्य योजना तैयार

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने के लिए समग्र कार्य योजना तैयार की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति दे दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने वाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल से प्रेरित होकर ड्रोन नीति सरकार के ड्रोन डेटा और इमेजरी के लिए एक केन्द्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म होगा।

ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी विभिन्न विभागों के मध्य परस्पर डेटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी। यह रिपॉजिटरी तत्काल अद्यतन निगरानी सुविधा प्रदान करेगी, जिससे संसाधनों का त्रुटिरहित आवंटन होगा और अधोसंरचनात्मक विकास में सहयोग मिलेगा। इससे बेहतर समन्वय, निर्णय-प्रक्रिया में मदद मिलने के साथ लागत-समय का सदुपयोग होगा और परियोजनाओं की समीक्षा में सुधार भी होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि डेटा प्रबंधन सुरक्षित रूप से किया जाए और सहयोगी भागीदारों के साथ रिपॉजिटरी की प्रबंधन व्यवस्था पुख्ता रखी जाए। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य की एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सभी ड्रोन डेटा को राष्ट्रीय भौगोलिक नीति-2022 या उसके बाद के किसी संशोधन या नीति के अनुसार डेटा सुरक्षा कानूनों और विनियमों के अंतर्गत संग्रहित किया जाए। संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षित डेटा भंडारण और प्रसारण प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जायेगा।

भविष्य में ड्रोन का उपयोग तेज़ी से बढ़ेगा। यह बिना पायलट वाला यंत्र है जो विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह कई प्रकार से अभिनव समाधान प्रस्तुत करता है और मानव श्रम की बचत करता है। इस तकनीकी से समय पर डेटा संधारित हो जाता है। सटीक और दक्षता के साथ कठिन स्थानों से डेटा संग्रह हो जाता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई क्षेत्रों के लिए यह अमूल्य उपकरण साबित हो रहा है।

कृषि क्षेत्र में उपयोग
ड्रोन से फसल की सेहत की निगरानी, रोगों का पता लगाने और फसल की पैदावार का मूल्यांकन करने में सहायता मिल रही है। ड्रोन उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव सटीकता से कर सकते हैं, जिससे अपशिष्ट और नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा। वे उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जिन्हें अधिक या कम पानी की आवश्यकता है। सिंचाई के तरीकों का बेहतर उपयोग करने में ड्रोन मदद करता है।

आपदा प्रबंधन में उपयोग
ड्रोन, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में थर्मल इमेजिंग और हाई-रिजोल्यूशन कैमरों का उपयोग कर प्रभावित लोगों का पता लगा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत तस्वीरें देख बचाव के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। पुनर्निर्माण के प्रयासों और बीमा दावों की प्रामाणिकता में मदद मिल रही है। आपातकालीन स्थितियों में ड्रोन चिकित्सा आपूर्ति और खाद्य सामग्री को दुर्गम इलाको में पहुंचा रहे हैं।

निरीक्षण में उपयोग
ड्रोन पुलों, भवनों और अन्य बुनियादी ढांचे का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें रखरखाव और सुरक्षा मूल्यांकन शामिल हैं। ड्रोन से निर्माण की प्रगति के बारे में वास्तविक समय में अपडेट प्राप्त किया जा रहा है। ड्रोन वन्य जीवों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें परेशान किए बिना उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जंगलों की सेहत की निगरानी, अवैध लकड़ी कटाई का पता लगाने और जंगल की आग के प्रभाव का मूल्यांकन भी ड्रोन से किया जा रहा है।

ड्रोन स्कूलों की स्थापना
मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए नई ड्रोन नीति के अंतर्गत ड्रोन स्कूल स्थापित करेगा। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी में व्यापक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है, जिससे विद्यार्थी और पेशेवर दोनों उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।

पॉलिटेक्निक, आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेजों को ड्रोन/पार्ट्स डिजाइन, ड्रोन इमेज एनालिटिक्स, एआई टूल्स आदि के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्योग के साझेदारों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे युवाओं को ड्रोन उद्योग में रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया जा सकेगा। विशेष रूप से ड्रोन निर्माण, मरम्मत, असेंबलिंग और डेटा प्रोसेसिंग में रोजगार प्रदान करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं।

पॉलिसी से लाभ
आगामी 5 वर्षों में लगभग 370 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है। लगभग 8,000 (2,200 प्रत्यक्ष एवं 6,600 अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित होंगे। इस क्षेत्र में प्रति करोड़ वित्तीय प्रोत्साहन के आधार पर लगभग 25-30 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

नीति के प्रमुख स्तंभ
ड्रोन इको सिस्टम, कौशल विकास, सेक्टर प्रमोशन और वित्तीय प्रोत्साहन ड्रोन नीति के प्रमुख स्तंभ हैं। इनसे तकनीकी संस्थानों में ड्रोन संबंधी पाठयक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन इको सिस्टम एआई और नवीनतम प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा।

वित्तीय प्रोत्साहन
ड्रोन नीति की घोषणा के बाद डीएसडीएम/डीईएस इकाइयों द्वारा किए गए नए निवेश के लिये 40 प्रतिशत पूंजी निवेश (अधिकतम 30 करोड़ रूपये तक) की सब्सिडी और लीज रेंटल पर 3 वर्ष तक 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति या प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक, जो भी कम हो मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा पहचाने गये क्षेत्रों में आर एंड डी परियोजना शुरू करने के लिये 2 करोड़ रूपये तक का अनुदान मिलेगा। प्रतिभाओं के कौशल उन्नयन के लिये प्रमुख क्षेत्रों में इंटर्न को मुख्यमंत्री "सीखो कमाओ योजना" में 6 महिने तक के लिये 8 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। प्रदर्शनियों/कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये किए गए खर्च पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। यह सब्सिडी घरेलू कार्यक्रमों के लिये एक लाख रूपये और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिये 2 लाख रूपये तक होगी।

भूमि पर निष्पादित पट्टे पर 100 प्रतिशत स्टॉम्प शुल्क और पंजीकरण शुलक की प्रतिपूर्ति की जायेगी। परीक्षण, अंशांकन और प्रमाणन के लिये पॉलिसी अवधि के दौरान 20 लाख रूपये की कैपिंग के साथ प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की सहायता मिलेगी। घरेलू पेटेंट के लिए प्रति पेटेंट 5 लाख रूपए और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रूपए अथवा वास्तविक लागत वहन की जायेगी। 50 करोड़ रूपये से अधिक निवेश करने वाली मेगा स्केल इकाइयों के लिए बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ड्रोन से संबंधित पाठयक्रम जोड़ने वाले कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान 50 प्रतिशत (25 लाख रूपये तक) की कैपेक्स सब्सिडी के लिये पात्र होंगे।

डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत के साथ, ड्रोन क्षेत्र ने सरकारी नीतियों, प्रौद्योगिकी में प्रगति और बढ़ते वित्त पोषण के कारण क्रांतिकारी विकास किया है। इसका वैश्विक बाजार वर्ष-2022 में 71 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष-2030 तक 144 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय ड्रोन बाजार 2030 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्वयं को स्थापित कर सकता है। इसके लिए नवाचार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए ड्रोन के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जायेगा। इससे राज्य को तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में भी सहयोग मिलेगा।

Leave a Comment

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor

slot deposit 5000 tanpa potongan

mahjong

spaceman slot

https://www.deschutesjunctionpizzagrill.com/

spbo terlengkap

cmd368

368bet

roulette

ibcbet

clickbet88

clickbet88

clickbet88

bonus new member 100

slot777

https://bit.ly/m/clickbet88

https://vir.jp/clickbet88_login

https://heylink.me/daftar_clickbet88

https://lynk.id/clickbet88_slot

clickbet88

clickbet88

https://www.burgermoods.com/online-ordering/

https://www.wastenotrecycledart.com/cubes/

https://dryogipatelpi.com/contact-us/

spaceman slot gacor

ceriabet link alternatif

ceriabet rtp

ceriabet

ceriabet link alternatif

ceriabet link alternatif

ceriabet login

ceriabet login

cmd368

sicbo online live