सीएम डॉ. यादव ने एसीएस लेवल के अधिकारियों को सौंपी संभागीय बैठक की जिम्मेदारी.
CM Dr. Yadav assigned the responsibility of the regional meeting to the officers of the ACS level.
पीएम मोदी की गारंटी और भाजपा के संकल्प को पूरा करने के लिए रहेगा लक्ष्य, रिव्यू के साथ करेंगे मानिटरिंग

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने संभागीय बैठक के लिए एसीएस लेवल के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम ने अधिकारियों को संभाग बैठक के लिए प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेश के दस संभाग के लिए दस अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये सभी अधिकारी संभागीय बैठक की न सिर्फ तैयारी करेंगे बल्कि बैठक के बाद बैठक में दिए गए सीएम के निदेर्शों की मॉनिटरिंग भी करेंगे। एसीएस स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी देने के पीछे की वजह है कि मध्य प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी को प्राथमिकता देनी है।
यानी कि अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि गारंटियों को पूरा किया जाए। इसके साथ ही भाजपा के संकल्प को भी पूरा करने की चुनौती होगी। लोक स्वास्थ्य, वन विभाग, गृह, नर्मदा घाटी विकास प्रधिकरण, जनजातिय कार्य विभाग, वित्त विभाग, किसान कल्याण, पिछड़ा वर्ग, उच्च शिक्षा से जुड़े विभाग के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दरअसल, सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने प्रदेश की कमान संभालते ही संभागों की बैठक लेना शुरू किया है। उन्होंने इसकी शुरूआत अपने गृह संभाग उज्जैन से की थी। इसके बाद जिले वार समीक्षा के लिए अधिकारियों की पोस्टिंग की गई है। अधिकारियों को भी फील्ड की जानकारी भी सीएम को देना होगा। खास बात है कि राजेश राजौरा को उज्जैन का प्रभार दिया गया है। सीएम बनने के बाद राजौरा ही पहले अधिकारी थे। जिन्होंने लाउड स्पीकर पर नियंत्रण का आदेश जारी कराया। उज्जैन में रहते हुए एसीएस राजौरा सीएम मोहन यादव के काफी भरोसेमंद अफसरों में शुभार रहे हैं।
इन्हें बनाया प्रभारी एसीएस मोहम्मद सुलेमान को भोपाल संभाग, एसीएस विनोद कुमार को जबलपुर संभाग, एसीएस जेएन कंसोटिया को रीवा संभाग, एसीएस राजेश राजौरा को उज्जैन संभाग, एसीएस एसएन मिश्रा को सागर संभाग, एसीएस मलय श्रीवास्तव को इंदौर संभाग, एसीएस अजीत केसरी को नर्मदापुरम संभाग, एसीएस अशोक वर्णवाल को शहडोल संभाग, एसीएस मनु श्रीवास्तव को चंबल संभाग और एसीएस केसी गुप्ता को ग्वालियर संभाग की जिम्मेदारी दी गई।