मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक्शन मोड: देर रात समीक्षा बैठक में 11 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित, तीन कलेक्टरों पर नाराजगी
CM Mohan Yadav’s action mode: 11 officers suspended in late night review meeting, three collectors reprimanded
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीती रात समाधान ऑनलाइन हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बिजली वितरण कंपनी के जीएम सहित 11 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। बैठक के दौरान विभिन्न शिकायतों पर ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने तीन जिला कलेक्टरों पर भी नाराजगी जताई।
बैठक में रायसेन जिले के एक व्यक्ति की बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत पर बिजली वितरण कंपनी के जनरल मैनेजर को निलंबित कर दिया गया, जबकि खंडवा में एक लापता लड़की की रिपोर्ट दर्ज न होने पर संबंधित उपनिरीक्षक पर भी कार्रवाई की गई। इसके अलावा, झाबुआ जिले में कपिलधारा कूप निर्माण योजना में भुगतान में देरी पर पंचायत सचिव को निलंबित कर सीईओ और लेखाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
तीन कलेक्टरों पर नाराजगी
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने तीन कलेक्टरों पर भी असंतोष जताया। अशोकनगर के कलेक्टर को छात्रवृत्ति वितरण में देरी पर फटकार लगाई, जबकि आलीराजपुर कलेक्टर से नि:शक्त जन मामलों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। बालाघाट कलेक्टर को बैठक में आईटी और डीआईजी के बीच बैठने पर निर्देशित किया गया कि प्रशासनिक अधिकारियों का सम्मान करते हुए वे सही जगह पर बैठें।
कर्मचारियों को जिम्मेदारी का संदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सरकारी कार्यों में देरी और लापरवाही को अस्वीकार्य बताया और कहा कि समाज के प्रति सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जबकि बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार और प्रमोशन से प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के इस कड़े रुख से प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने का संदेश स्पष्ट है।