नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम: जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के मार्गदर्शन में केन्द्रीय जेल जबलपुर में रेडक्रॉस सोसायटी की पहल
De-addiction awareness program: An initiative of Red Cross Society in Central Jail Jabalpur under the guidance of Jail Superintendent Akhilesh Tomar
जितेन्द्र श्रीवास्तव
जबलपुर ! जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर जी के मार्गदर्शन में इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित नशा मुक्ति केंद्र, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, केन्द्रीय जेल जबलपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कैदियों के बीच नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें पुनर्वास की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करना था।
इस अवसर पर इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्यों ने नशा मुक्ति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और इससे जुड़ी सामाजिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही, कैदियों को नशे से मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रेरणादायक कहानियाँ और अनुभव साझा किए गए। जिसमें मुख्य अतिथि पं. राममूर्ति मिश्रा, वरिष्ठ समाजसेवी के द्वारा बंदी एवं नशा पीड़ितों को नशा मुक्त रहने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही राकेश बारी जी के द्वारा सभी को नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बतलाया गया। कार्यक्रम में डॉ. जितेन्द्र चौबे ने नशे होने वाले शारीरिक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी व सुश्री समृद्धि बघेल ने नशे से होने वाले मानसिक नुकसान के बारे में बतलाया कि नशा पीड़ित की किस प्रकार से मानसिकता खराब हो जाती है और वह अपना बुरा कर बैठता है। कार्यक्रम में उप जेल अधीक्षक मदन कमलेश के द्वारा नशे से होने वाले अपराध के विषय में जानकारी दी कि अधिकतर अपराध नशे के कारण ही होते हैं। कार्यक्रम में मंच संचालन मनोवैज्ञानिक तेजसिंह ठाकुर के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन सहायक जेल अधीक्षक हिमांशु तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नीतेश लखेरा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान अखिलेश तोमर ने अपने संबोधन में कहा, “नशा एक सामाजिक बुराई है, और इससे केवल व्यक्ति का ही नहीं, बल्कि उसके परिवार और समाज का भी नुकसान होता है। हमें मिलकर इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास करने होंगे।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जेल प्रशासन न केवल कैदियों को सुरक्षित रखने का काम करता है, बल्कि उनके पुनर्वास और सुधार की दिशा में भी काम करता है, ताकि वे एक बेहतर जीवन जी सकें।
कार्यक्रम में कई कैदियों ने भी अपने विचार और अनुभव साझा किए, और इस पहल के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्हें यह महसूस हुआ कि नशे की लत से छुटकारा पाकर वे एक नया और स्वस्थ जीवन शुरू कर सकते हैं। रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से कैदियों को नशा छोड़ने के लिए परामर्श और चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
यह कार्यक्रम जेल प्रशासन और रेडक्रॉस सोसायटी के संयुक्त प्रयासों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो समाज को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस तरह के कार्यक्रमों से कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।