राजनीतिक रसूख के चलते बांधवगढ़ में पदस्थ रेंजर सब पर भारी
Due to political influence the ranger posted in Bandhavgarh is stronger than everyone
उदित नारायण
भोपाल। बांधवगढ़ में पदस्थ रेंजर पुष्पा सिंह राजनीतिक रसूख के चलते सीनियर अधिकारियों के आदेशों के नाफरमानी कर रही है। इसी बात को लेकर डिप्टी डायरेक्टर प्रकाश कुमार वर्मा ने उन्हें नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि आपके द्वारा आज दिनांक तक वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश का पालन नहीं किया गया है। यही नहीं आपके द्वारा राजनैतिक दबाव अधिकारियों पर डलवाना अनुशासनिक नियमों के विपरीत है। क्यों न आपके विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (3) (1) के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जाये? अतः आपको निर्देशित किया जाता है, कि पत्र प्राप्ति के 3 दिवस के अन्दर सन्दर्भित आदेश का पालन करते हुए प्रभार सूची से इस कार्यालय को अवगत कराया जायेगा। अन्यथा आदेश का पालन नहीं करने पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का अवहेलना करने के संबंध में क्यों न आपके विरूद्ध विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 16 (1) (क) के आपके विरूद्ध के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जायेगा। जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेवार होंगें। नोटिस का रेंजर पुष्पा सिंह ने आज दिनांक तक जवाब नहीं दिया।
करंजिया रेंज के लिए लिखवाई नोटशीट
सूत्रों का कहना है कि रेंजर पुष्पा सिंह अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए बांधवगढ़ से डिंडोरी वन मंडल के करंजिया रेंज में वापसी का प्रयास कर रही है। उनकी करंजिया रेंज डिंडोरी में पोस्टिंग के लिए एक उप मुख्यमंत्री ने सिफारिश की है। इसी सिफारिश के कारण उन्होंने शासकीय आवास खाली नहीं किया है। बताया जाता है कि मंत्रालय में पदस्थ अफसर भी उनकी मदद कर रहे हैं।
हमेशा विवादों की सुर्खियों में रहीं
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ रेंजर पुष्पा सिंह अक्सर विवादों की सुर्खियों में रही हैं। डिंडोरी वन मंडल के करंजिया रेंज में पदस्थी के दौरान आर्थिक गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे थे। कारंजा रेंज में उन पर आरोप था कि उन्होंने वन सुरक्षा समिति खारीडीह में रोड निर्माण हेतु आठ लाख अड्टालीस हजार की सड़क मात्रा डेढ़ लाख में बनाया गया जिसमे डिप्टी रेंजर को सस्पेंड किया गया। जबकि किंतु पुष्पा सिंह पर विभागीय जांच वर्तमान में चल रही है। रोचक तथ्य है कि वह एक भी पेशी में आज तक उपस्थित नहीं हुई। इसके पहले वह जब वह शहडोल में पदस्थ थीं तब इनका रेत माफियों से लेन-देन संबंधित एक ऑडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस मामले में उन्हें निलंबित भी किया गया था।