March 13, 2025

ED पूर्व बीएसपी एमएलसी मोहम्मद इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, 4440 करोड़ की जमीन जब्त

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PCCF Ambade will investigate the complaint of PCCF Dr. Kumar in Rashtrapati Bhavan.

सहारनपुर
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बीएसपी के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल (former MLC Mohammad Iqbal) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व एमएलसी की 4 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है. यहां यूनीवर्सिटी की 4,440 करोड़ रुपये की कीमत की इमारत और जमीन कुर्क की गई है.

एजेंसी के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच एजेंसी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, इसके बाद 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर दर्ज हैं, इन पर मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों का कंट्रोल था.

मोहम्मद इकबाल, ट्रस्ट और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी है. ईडी के अनुसार, पूर्व एमएलसी फरार है. माना जा रहा है कि वह दुबई में है. मोहम्मद इकबाल के चार बेटे हैं. बेटों और भाई के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो जेल में बंद हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग का केस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रेत खनन, पट्टों के अवैध नवीनीकरण और कई खनन पट्टा धारकों, कुछ अधिकारियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली में दर्ज सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है. सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल ग्रुप के पास था. ये फर्म सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं.

ईडी ने कहा कि आईटीआर (आयकर रिटर्न) में मामूली आय दिखाए जाने के बावजूद खनन फर्मों और मोहम्मद इकबाल के ग्रुप की कंपनियों के बीच बिना किसी व्यापारिक संबंध के करोड़ों के लेनदेन मिले हैं.

यह मुकदमा सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा था, जिसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल का बेटा मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, नरेंद्र कुमार, पुनीत कुमार और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को नामजद किया गया था। ईडी की जांच से पता चला कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल के पास था। इकबाल और उसके करीबियों की कंपनियां और फर्में सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं। 

इसके जरिए मोहम्मद इकबाल के साथ करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया, जबकि इन कंपनियों से उसका कोई कारोबारी संबंध नहीं था। इतना ही नहीं, मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध कमाई को आयकर विवरण में इसे छिपा लिया गया था। बाद में मोहम्मद इकबाल ने सारी धनराशि अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। 

अधिकतर रकम को असुरक्षित कर्ज और दान के रूप में दिया जाना दर्शाया गया था। बाद में ट्रस्ट ने इस धनराशि का उपयोग यूनिवर्सिटी की भूमि खरीदने और भवनों के निर्माण के लिए किया। ईडी की जांच में सामने आया है कि इस तरह करीब 500 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गये। वर्तमान में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों की बाजार कीमत 4440 करोड़ रुपये है। बता दें मोहम्मद इकबाल के चार बेटे और भाई अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।

 

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