Forest department negligence in Nalkheda forests: Illegal tree felling and timber smuggling continue unabated at night
चंदा कुशवाह
नलखेड़ा । क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों अवैध पेड़ कटाई और लकड़ी तस्करी के मामले गंभीर रूप ले चुके हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, वन विभाग के नाक के नीचे लगातार पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है, लेकिन विभाग की ओर से न तो किसी तरह की निगरानी बढ़ाई गई है और न ही कोई ठोस कार्रवाई की गई है। ग्रामीण बताते हैं कि रात के समय जंगलों में ट्रैक्टर, पिकअप और ट्रॉलियां घूमती दिखाई देती हैं, जिनमें सागौन, बबूल और अन्य मूल्यवान लकड़ी को भरकर बाहर ले जाया जाता है। कई लोगों ने रात में चेनसॉ से पेड़ काटने की आवाजें भी सुनी हैं, जिससे साफ होता है कि यह पूरा काम संगठित तरीके से चल रहा है।
एक समय घने पेड़ों से आच्छादित यह क्षेत्र अब धीरे-धीरे उजाड़ होता जा रहा है। कई जगहों पर कटे हुए ठूंठ साफ दिखाई देते हैं, जिससे पता चलता है कि यहां बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब बिना किसी आंतरिक सहयोग के संभव नहीं है। उनका आरोप है कि कुछ वनकर्मी तस्करों से मिलकर काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से तस्करी रात में बेरोक-टोक जारी रहती है और दिन में इस पूरे मुद्दे पर सन्नाटा पसरा रहता है।
लोगों में यह भी चर्चा है कि केवल लकड़ी ही नहीं, बल्कि अन्य जंगली उत्पादों और संसाधनों की भी तस्करी की आशंका है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। ग्रामीणों के मुताबिक, उन्होंने कई बार विभाग और प्रशासन को इस बारे में सूचित किया, परंतु अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।
सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर यह पूरा अवैध नेटवर्क किसकी शह पर चल रहा है। क्या वन विभाग को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं है या यह जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है। यदि नहीं, तो इतने समय से हो रही पेड़ कटाई और तस्करी पर कार्रवाई अभी तक क्यों नहीं हुई।
ग्रामीणों ने मांग की है कि जंगलों में रात के गश्त को बढ़ाया जाए, संदिग्ध वाहनों की जांच की जाए, वन विभाग के कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाए और जंगलों में सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया जाए। उनका कहना है कि यदि इस अवैध कटाई पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले वर्षों में नलखेड़ा का पर्यावरण गंभीर संकट का सामना करेगा और क्षेत्र की हरियाली हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।