प्रदेश में संभागों एवं जिलों की सीमाएं बदलने के लिए आयोग गठित करेगी सरकार
Government will set up a commission to change the boundaries of divisions and districts in Madhya Pradesh.
तीन नए जिलों की सीमाएं भी होगी प्रभावित, नागदा को जिले बनाए जाने की प्रक्रिया भी टली।
भोपाल। मध्य प्रदेश में संभागों एवं जिलों की सीमाएं बदलने के लिए आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग राजस्व, वन, नगरीय विकास एवं आवास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से प्रदेश की समस्त सीमाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट बनाएगा। आयोग के अध्ययन के बाद प्रदेश में संभागों एवं जिलों की सीमा बदलने की कार्यवाही की जाएगी। इस आयोग के गठन के लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मुख्य सचिव वीरा राणा को निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार के अनुसार लोकहित एवं जनसुविधा को ध्यान में रखकर संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद आदि की सीमाओं के युक्तियुक्तकरण करने की कार्यवाही के लिए यह निर्णय लिया गया है। जल्द ही इस आयोग के गठन एवं इसके अध्यक्ष की अधिसूचना जारी की जाएगी। सीमाओं को बदलने की प्रक्रिया में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी विचार विमर्श किया जाएगा।
शिवराज सरकार में गठित नए जिलों की सीमाएं भी होगी प्रभावित
संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद आदि की सीमाओं के बदलने से शिवराज सरकार में गठित नए जिलों की सीमाएं भी प्रभावित होंगी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सतना जिले को विगठित कर मैहर, छिंदवाड़ा जिले को विगठित कर पांढुर्णा और रीवा जिले को विगठित कर मऊगंज जिला बनाया गया है। निवाड़ी को पहले ही सरकार जिला बना चुकी है। हालांकि नागदा जिले की घोषणा कर दी गई, लेकिन जिला नहीं बनाया जा सका। अब आयोग इन जिलों की सीमाओं का भी अध्ययन कराएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर संभाग होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार संभाग और जिलों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए आयोग बनाकर अध्ययन कराने की बात कही गई थी। इस कार्य की शुरूआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर संभाग से की जाएगी। उन्होंने थानों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए थे।