March 10, 2025

ईमानदार और साफ़ छवि है जिनकी पहचान, यह है MP पुलिस के नये कप्तान

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भोपाल
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्यप्रदेश का नया डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) नियुक्त किया गया है। यह आदेश गृह विभाग ने शनिवार देर रात जारी किया। मकवाना 1 दिसंबर 2024 को पदभार ग्रहण करेंगे और वे 32वें डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

तेजतर्रार अफसरों में होती है मकवाना की गिनती
कैलाश मकवाना वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं। शिवराज सरकार के दौरान मकवाना लोकायुक्त के डीजी भी रहे। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई अहम कदम उठाए और लंबित जांचों को तेज किया।  

एसीआर विवाद के बाद सरकार ने लिया निर्णय
मकवाना ने लोकायुक्त डीजी रहते हुए अपनी एसीआर (गोपनीय चरित्रावली) खराब किए जाने की शिकायत की थी। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि उनकी एसीआर को दुरुस्त किया जाए। वरिष्ठ सचिवों की कमेटी ने नियुक्ति प्रक्रिया से कुछ महीने पहले उनकी एसीआर सुधार दी।  

2026 तक रहेंगे डीजीपी
जानकारी के अनुसार, नए डीजीपी कैलाश मकवाना का रिटारमेंट 2025 में है, लेकिन डीजीपी बनने के बाद उन्हें 2 साल का कार्यकाल मिलेगा। ऐसे में वह 30 November 2026 तक डीजीपी रहेंगे।

30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं सुधीर कुमार  
बीते दिनों दिल्ली में यूपीएससी के चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दो जॉइंट सेक्रेटरी के अलावा एमपी के मुख्य सचिव अनुराग जैन और मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में भेजे गए 9 आईपीएस अधिकारियों में से तीन नामों के पैनल पर मोहर लगी थी। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव इनमें से कैलाश मकवाना के नाम पर मोहर लगा दी है। आपको बता दें कि मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सक्सेना को 4 मार्च 2020 को डीजीपी नियुक्त किया गया था। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कैलाश मकवाना इस पद को संभालेंगे।

ये तीन नाम किए गए थे तय
नए DGP के पद के लिए यूपीएससी ने तीन नामों के पैनल पर मोहर लगाई थी। ये तीन नाम 1988 बैच के आईपीएस अफसर अरविंद कुमार (DG होमगार्ड), कैलाश मकवाना (पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन) और 1999 बैच के अजय शर्मा (DG EOW)  थे।  

ऐसे हैं MP पुलिस के नए मुखिया मकवाना
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्यप्रदेश का नया डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले उनके नाम को मंजूरी दी। मकवाना अपने तेजतर्रार और बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए भी जाने जाते हैं।

उज्जैन के रहने वाले हैं मकवाना
जानकारी के अनुसार, कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले हैं। मकवाना ने भोपाल स्थित मैनिट (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) से पढ़ाई की है। वे पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन के साथ-साथ लोकायुक्त संगठन में डीजी और स्पेशल डीजी (सीआईडी और इंटेलिजेंस) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।  

ईमानदार और साफ छवि वाले अधिकारी
मकवाना को उनकी ईमानदार और साफ छवि के लिए जाना जाता है। एक कर्मठ और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में, उनकी नियुक्ति से राज्य की कानून व्यवस्था और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है। कैलाश मकवाना ने पुलिस सेवा में अपने शुरुआती कार्यकाल में विभिन्न जिलों में एसपी और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने उन्हें तेजी से पहचान दिलाई।  

लोकायुक्त में डीजी
शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में मकवाना को लोकायुक्त संगठन में पुलिस महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों को तेज किया और कई लंबित मामलों की जांच फिर से शुरू की। हालांकि, वे इस पद पर केवल छह महीने तक रहे। लोकायुक्त के डीजी रहते हुए उन्होंने कई लंबित जांच फाइलों को फिर से खोला और उन पर तेजी से कार्रवाई शुरू की।

एनके गुप्ता से विवाद आया था चर्चा में
2022 में कैलाश मकवाना को लोकायुक्त का डीजी बनाया गया था, लेकिन 6 माह के अंदर उन्हें पद से हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया। बताया जा रहा था कि मकवाना और लोकायुक्त जस्टिस रहे एनके गुप्ता के बीच कई विषयों को लेकर मतभेद थे, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया था।

एसीआर विवाद
मकवाना ने लोकायुक्त डीजी रहते हुए अपनी एसीआर (गोपनीय चरित्रावली) खराब किए जाने की शिकायत की थी। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि उनकी एसीआर को दुरुस्त किया जाए। वरिष्ठ सचिवों की कमेटी ने नियुक्ति प्रक्रिया से कुछ महीने पहले उनकी एसीआर सुधार दी।

पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन
वर्तमान में, मकवाना मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन के पद पर हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पुलिस आवासीय योजनाओं और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए काम किया।  

साढ़े तीन साल में हुए सात बार तबादले
कैलाश मकवाना का करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साढ़े तीन साल के भीतर उनका सात बार तबादला हुआ। खासकर, कमलनाथ सरकार के दौरान तीन बार उनकी पोस्टिंग बदली गई।  उनके करियर में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण साढ़े तीन वर्षों में सात बार स्थानांतरण हुआ। इसके बावजूद वे अपने कार्यों में प्रतिबद्ध रहे।

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