जबलपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार: सीईओ और सहायक भू अर्जन अधिकारी कि मिली भगत से
Corruption in Jabalpur Development Authority: In collusion with CEO and Assistant Land Acquisition Officer
जीतेन्द्र श्रीवास्तव ( विशेष संवाददाता )
जबलपुर – जबलपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के सीईओ दीपक वैद्य और सहायक भू अर्जन अधिकारी अमित धुर्वे पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने खसरा नंबर 132/1, कुल रकबा 4.80 एकड़ की जमीन को भारी रिश्वत लेकर जालसाज पीयूष दूबे और भरत दूबे को बेच दिया है। यह जमीन ब्रम्हा पूरी सोसाइटी की है, जिसके मूल मालिकों के साथ धोखाधड़ी की गई है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों अधिकारियों ने इस जमीन को बेचने के लिए 5 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। इस प्रक्रिया के दौरान एक फर्जी लीज डीड भी तैयार की गई, जिसके तहत जमीन दूबे भाइयों को अवैध रूप से सौंप दी गई। यह जमीन पहले से ही विवादास्पद थी, और इस पर 1 जनहित याचिका (PIL) और 4 वाद (WP) के फैसले भी हुए थे। बावजूद इसके, JDA द्वारा अनैतिक रूप से इस जमीन की बिक्री कर दी गई।
मूल मालिकों के साथ धोखाधड़ी
मूल मालिकों को जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, तो उन्होंने कानूनी कार्यवाही का सहारा लिया और हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसके बावजूद, JDA और संबंधित सरकारी विभाग द्वारा इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह सवाल उठता है कि इस भ्रष्टाचार में क्या और भी उच्च अधिकारी संलिप्त हैं?
भ्रष्टाचार के गहरे सवाल
जबलपुर के विकास प्राधिकरण में ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि किसी जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ हो। वर्ष 1985 से लेकर आज तक कई सीईओ और अध्यक्ष आए, परंतु किसी ने भी इस जमीन को लेकर ऐसा विवादास्पद निर्णय नहीं लिया। यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों अब जाकर यह काम किया गया और वह भी नियमों के विपरीत?
उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस मामले में यह भी जानने की जरूरत है कि इतनी बड़ी रकम, जो रिश्वत के तौर पर ली गई, आई कहां से? और अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? मूल मालिकों के साथ हुई इस धोखाधड़ी की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है, ताकि दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा सके और न्याय हो सके।
इस घटना ने जबलपुर विकास प्राधिकरण और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो कि जबलपुर के विकास और जनता के हितों के खिलाफ हैं। जनता इस मामले में सच्चाई और न्याय की उम्मीद कर रही है।