कूनो नेशनल पार्क के खुले गेट, माला पहनाकर किया पर्यटकों का स्वागत; चीतों के दीदार को उमड़े लोग

Kuno National Park opens gates, welcomes tourists with garlands; people flock to see leopards
श्योपुर। नए पर्यटन सीजन में बुधवार को पर्यटकों के लिए फिर से कूनो नेशनल पार्क के गेट खोल दिए गए। नए सीजन में टिकटोली, अहेरा और पीपलबावड़ी प्रवेश गेटों पर पहले नारियल फोड़ा गया, उसके बाद पर्यटकों को माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत भी किया गया।
नए पर्यटन सीजन 2025-26 के पहले दिन कूनो के टिकटोली प्रवेश द्वार से 2 गाडिय़ों से आठ पर्यटक पहुंचे। जिनका स्वागत किया गया। इसके बाद इन पर्यटकों ने कूनो में भ्रमण किया और कई वन्यजीवों के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य को निहारा।
पार्क के पीपलबावड़ी और अहेरा गेट भी खोले गए हैं। यही वजह है कि तीनों गेटों पर फूलों से सजावट की गई और भारतीय परंपरानुसार नारियल फोडक़र और रंगोली सजाकर नए सीजन का श्रीगणेश किया गया।
चीता प्रोजेक्ट ने दी कूनो को नई दिशा
वर्ष 1981 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित कूनो को वर्ष 2018 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला। हालांकि 27 सालों तक एशियाई सिंहों की राह निहारते रहे कूनो नेशनल पार्क को अब चीता प्रोजेक्ट ने नई दिशा दी है।
यही वजह है कि 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के तीन माह के वर्षाकालीन समय में पर्यटकों के लिए बंद रहा कूनो एक नई उम्मीद के साथ नए सीजन में फिर खुल गया है और उम्मीद है कि अब इस सीजन में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
बुधवार, 1 अक्टूबर से कूनो नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटक टिकटोली, अहेरा और पीपलवाड़ी गेट् से प्रवेश ले सकेंगे और खुले जंगल में आजादी की दौड़ लगाने वाले चीतों को निहार सकेंगे।
बता दें कि कूनो के खुले जंगल में चीतो को पर्यटकों के दीदार के लिए काफी समय पहले आजादी की रफ्तार भरने के लिए छोड़ा गया था। वहीं कूनो के खुले जंगल में कुछ मादा चीता अपने चीता शावकों के साथ घूम रही हैं।
मादा चीता भारतीय जमीन पर पैदा हुए भारतीय पीढ़ी के चीता शावकों को शिकार करने के साथ साथ जीवन जीने के गुर सीखा रही हैं तो कुछ चीते कूनों से निकल कर अभी भी वीरपुर, विजयपुर और मुरैना जिले की सीमाओं में घूम रहे हैं।
कूनो नेशनल पार्क के तीन चीते मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य मे शिफ्ट किए जाने के बाद अब पार्क मे चीतों और शावकों को मिलाकर 24 चीते मौजूद हैं, जिनमें से 16 चीते कूनो के खुले जंगल में आजाद घूम रहे हैं तो वहीं 8 चीते और शावक कूनो के बाड़े मे बंद हैं।
माना जा रहा है कि चीता स्टेयरिंग कमेटी की बैठक के बाद एक बार फिर कमेटी कुछ चीतों को खुले जंगल मे छोड़ने के लिए कूनो पार्क प्रबंधन को हरी झंडी दे सकती है, ताकि पर्यटक जंगल सफारी के दौरान चीतों को आसानी से निहार सकेंगे।