लेबर पार्टी 318 से अधिक पर विजय, ऋषि सुनक की ऐतिहासिक हार
लंदन
ब्रिटेन चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटों की गिनती जारी है. एग्जिट पोल के अनुरूप मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है. शुरुआती नतीजों में लेबर पार्टी 318 सीटें जीत चुकी हैं जबकि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी अभी तक सिर्फ 67 सीटें ही जीत पाई है. अभी तक 650 में से 454 सीटों पर नतीजों का ऐलान किया जा चुका है.
लिबरल डेमोक्रेट्स ने अभी तक 32 सीटों, स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने चार सीटों और रिफॉर्म यूके ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि ग्रीन पार्टी अभी तक एक ही सीट पर जीत हासिल कर पाई है.
– प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आम चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बीच अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने इस हार की खुद जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि मैं इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं और किएर स्टार्मर को जीत की बधाई देता हूं.
– स्कॉटलैंड में भी लेबर पार्टी की प्रचंड जीत के आसार हैं. सूत्रों के मुताबिक, वहां लेबर पार्टी 30 से अधिक सीटें जीत सकती है. लेबर पार्टी के स्कॉटिश नेता अनस अनवर ने कहा कि हमें पूरा यकीन हैं कि हम स्कॉटलैंड में भी बहुमत हासिल करेंगे. यह बदलाव का दौर है. हमारी पहली प्राथमिकता 14 साल के कंजर्वेटिव सरकार के शासन को खत्म करना है, जिससे देश को नुकसान पहुंचा है. महत्वपूर्ण काम कल से शुरू होगा. हमारा अगला कदम 2026 में स्कॉटिश संसदीय चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
– लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ने कहा कि मतदाताओं ने फैसला सुना दिया है कि वे बदलाव के लिए तैयार हैं. स्टार्मर अपनी सीट पर भी चुनाव जीत गए हैं. पार्टी की जीत के बाद वह देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे.
– मतगणना के शुरुआती नतीजों के मुताबिक, लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय नजर आ रहा है. वहीं, हार की आशंका के बीच ऋषि सुनक ने ऐलान कर दिया है कि वह कल प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.
– इससे पहले वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल में भी लेबर पार्टी की प्रचंड जीत का अनुमान जताय गया था. बीबीसी-इप्सोस एग्जिट पोल में किएर स्टार्मर (Keir Starmer) के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी के 410 सीटें जीतने का दावा किया गया जबकि मौजूदा पीएम ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को महज 131 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया.
बहुमत के लिए क्या है आंकड़ा?
650 सांसदों वाले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की आवश्यकता होती है. हार का संकेत मिलने के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है.
एग्जिट पोल के अनुमान अगर वास्तविक नतीजों में तब्दील होते हैं, तो लेबर पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है और केर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. यूके में मतदान समाप्त होते ही वोटों की गिनती शुरू हो गई थी, लेकिन 650 सीटों वाली संसद में स्पष्ट विजेता कौन होगा यह सामने आने में कुछ घंटे लगेंगे. एक अन्य सर्वे एजेंसी YouGov ने केर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 431 सीटें मिलने और पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए सिर्फ 102 सीटों की भविष्यवाणी की है.
यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो इससे लेबर पार्टी को 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में जबरदस्त बहुमत मिल जाएगा. YouGov ने 89 करीबी मुकाबले वाली सीटों की भी पहचान की है. एग्जिट पोल के अनुमान कंजर्वेटिव पार्टी के लिए 1906 के बाद से उसकी संभावित सबसे बुरी हार के संकेत देते हैं, जब उसे 156 सीटों पर जीत मिली थी. लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी को 72 सीटें और रिफॉर्म यूके पार्टी को 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
कंजर्वेटिव पार्टी 14 वर्षों से सत्ता में काबिज
बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी पिछले 14 वर्षों से सत्ता में काबिज है. इस दौरान यूनाइटेड किंगडम ने 5 प्रधानमंत्री देख लिए. साल 2010 में हुए आम चुनावों में मिली कंजर्वेटिव्स को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन पीएम बने थे. उसके बाद 2015 के यूके इलेक्शन में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और कैमरन फिर पीएम बने. लेकिन 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह कंजर्वेटिव्स ने टेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनाया. वह 2019 तक इस पद पर रहीं. 2019 में बोरिस जॉनसन यूके के प्रधानमंत्री बने. फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं. लेकिन वह सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं. उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने.
भारत के लिए यूके इलेक्शन महत्व
भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. लेबर पार्टी की प्रचंड जीत से दोनों देशों के बीच एफटीए पर चल रही वार्ता के डायनामिक्स में बदलाव आ सकता है. यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ब्रिटेन में भी वर्तमान सरकार बदल जाएगी. बता दें कि कोविड महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के बाद कई यूरोपीय देशों में हुए चुनाव में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. एग्जिट पोल के आंकड़े ब्रिटेन में भी यह चलन कायम रहने के संकेत देते हैं.
यूके मतलब- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड
यूनाइटेड किंगडम- इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड से मिलकर बनता है और आम चुनाव इन सभी देशों पर लागू होते हैं. यूके में कुल 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं, इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटों वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड में पड़ती हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यूके के भीतर आने वाले प्रत्येक देश की अपनी सरकार भी होती है और वहां चुनाव होते हैं.
ब्रिटेन में कितनी सीटें जीतने पर प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है
वोट डालने के बाद ब्रिटेन के एक अन्य निवासी ने कहा, 'अगर मौजूदा राजनीतिक रुझान जारी रहे तो मुझे लगता है कि लेबर पार्टी को शानदार जीत के साथ 15 साल बाद सत्ता में वापस आना चाहिए। बता दें कि इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के कुल 650 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता अपने वोट डालेंगे। किसी भी पार्टी को 650 संसदीय सीटों में से कम से कम 326 सीटें जीतनी होती हैं। उसी पार्टी का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
सुनक अपने प्रदर्शन के कारण नहीं, पुराने कंजर्वेटिव नेताओं के काम का खामियाजा भुगतेंगे
सरकार के अलग-अलग पहलुओं पर बात करते हुए मतदाता ने कहा, कंजर्वेटिव खेमा हारने वाला है। इसके कुछ प्रमुख कारणों में काफी कम समय में प्रधानमंत्रियों को बदला जाना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) की गड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी की संभावित जीत उनकी व्यक्तिगत राय है। मौजूदा प्रधानमंत्री और भारतवंशी ऋषि सुनक के प्रति समर्थन जताते हुए ब्रिटेन के एक अन्य निवासी ने कहा, वे एक अच्छे प्रधानमंत्री हैं, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी के पिछले नेताओं ने समस्याएं पैदा की हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री सुनक अपने प्रदर्शन के कारण नहीं, पूर्ववर्ती नेताओं के कारण हार सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छे प्रधानमंत्री होने के बावजूद सुनक के पास पर्याप्त समय नहीं था। इनके अलावा एक भारतवंशी महिला ने भरोसा जताया कि लेबर पार्टी ही चुनाव जीतेगी। हालांकि, निजी रूप से उन्हें ऋषि सुनक ही पसंद हैं।