लोकायुक्त का छापा: 213% आय से अधिक संपत्ति मिलने पर सहकारी समिति कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई
Lokayukta raid: Action against co-operative society employee for finding assets 213% disproportionate to income
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की मुहिम तेज़ी से जारी है। हाल ही में छतरपुर जिले के खजुराहो क्षेत्र में दीपावली से कुछ दिन पहले लोकायुक्त की टीम ने सहकारी समिति के एक कर्मचारी अरूण कुमार गुप्ता के घर पर छापा मारकर उसकी अवैध संपत्ति का खुलासा किया। प्रारंभिक जांच में गुप्ता की कुल आय से 213 प्रतिशत अधिक संपत्ति के प्रमाण सामने आए हैं।
कार्रवाई का पूरा विवरण
रविवार की सुबह 6 बजे सागर लोकायुक्त की टीम ने छतरपुर की तहसील राजनगर के सहकारी समिति धवाड़ में कार्यरत कर्मचारी अरूण कुमार गुप्ता के घर पर छापा मारा। लोकायुक्त को गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने यह छापेमारी की। इस दौरान अरूण कुमार के घर से भारी मात्रा में मूल्यवान वस्तुएं, कई लोगों के हस्ताक्षर किए हुए खाली चेक, और विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए, जो उनकी आय से कहीं अधिक हैं।
संपत्ति में अवैध निवेश के प्रमाण
लोकायुक्त टीम की जांच में यह पाया गया कि महज 12 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले अरूण कुमार गुप्ता ने अपनी संपत्ति में बेहिसाब तरीके से निवेश किया है। जांच के दौरान अरूण कुमार के पास 10 से अधिक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, 20 से अधिक चेकबुक, पासबुक, और लगभग 89 लाख 53 हजार रुपये की संपत्ति का दस्तावेजी प्रमाण मिला है। इसके अलावा, गुप्ता के पास ब्याज पर रकम देने के भी प्रमाण मिले हैं।
बैंक और वित्तीय जांच बाकी
चूंकि रविवार को बैंक बंद थे, इसलिए अरूण कुमार के बैंक खातों की जांच फिलहाल नहीं हो सकी है। बैंक खुलने पर और अधिक वित्तीय जानकारी मिलने की संभावना है। लोकायुक्त ने इस मामले में आगे की जांच के लिए सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं और जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
लोकायुक्त का सख्त रुख
मध्य प्रदेश में लोकायुक्त लगातार भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, और इस छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि आय से अधिक संपत्ति रखने वाले कर्मचारी लोकायुक्त की रडार पर हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी और अन्य कर्मचारियों में भी ईमानदारी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।