लोकायुक्त सागर की बड़ी कार्रवाई: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए तहसीलदार चंद्रमणि सोनी

Lokayukta Sagar’s big action: Tehsildar Chandramani Soni caught red handed taking bribe
पन्ना ! प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे अभियान के तहत पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के निर्देश पर लोकायुक्त सागर इकाई ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसीलदार चंद्रमणि सोनी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
मामले की पूरी जानकारी:
आवेदक: कल्याण सिंह लोधी, ग्राम गाता कुम्हारी, तहसील पटेरा, जिला दमोह के निवासी हैं।
आरोपी: चंद्रमणि सोनी, तहसीलदार, तहसील रैपुरा, जिला पन्ना।
आवेदक की पत्नी द्रौपदी बाई को ग्राम पिपरिया कला (तहसील रैपुरा, जिला पन्ना) में पैतृक जमीन प्राप्त है। इस जमीन पर उसके रिश्तेदारों ने कब्ज़ा कर रखा था। कब्जा हटवाने के लिए द्रौपदी बाई की ओर से राजस्व प्रकरण धारा 250 भू राजस्व संहिता 1959 के तहत दिनांक 26-12-2024 को तहसील रैपुरा न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया।
रिश्वत की मांग और ट्रैप:
इस मामले में तहसीलदार चंद्रमणि सोनी ने आदेश पारित करने के लिए 9000 रुपये की रिश्वत की मांग की। इनमें से 4000 रुपये आरोपी ने पहले ही अपने निजी चालक इंद्रपाल सिंह लोधी के माध्यम से ले लिए थे, लेकिन आदेश पारित न होने पर आवेदक ने लोकायुक्त पुलिस सागर से शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत की जांच पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त श्री योगेश्वर शर्मा के मार्गदर्शन में निरीक्षक श्रीमती रोशनी जैन द्वारा की गई, जिसमें आरोप सत्य पाए गए। सत्यापन के दौरान आरोपी 3000 रुपये रिश्वत लेने पर सहमत हो गया।
ट्रैप कार्रवाई की सफलता:
दिनांक 09-06-2025 को लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने तहसील रैपुरा स्थित आरोपी के शासकीय आवास पर ट्रैप कार्रवाई की। आरोपी चंद्रमणि सोनी को 3000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
कार्रवाई में शामिल अधिकारीगण:
ट्रैपकर्ता: निरीक्षक श्रीमती रोशनी जैन
दल सदस्य: निरीक्षक अभिषेक वर्मा, निरीक्षक के.पी.एस. बेन और लोकायुक्त स्टाफ
जनहित में सूचना:
यदि आपके पास भी भ्रष्टाचार से संबंधित कोई जानकारी है, तो आप लोकायुक्त सागर की हेल्पलाइन नंबर 8435794333 पर संपर्क कर सकते हैं। आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
“भ्रष्टाचार के खिलाफ समाज की जागरूकता और शिकायतकर्ता की हिम्मत से ही बदलता है सिस्टम।”
लोकायुक्त संगठन की यह कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देती है — “भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!”