श्रावण माह की आखिरी सवारी में भगवान महाकाल पांच रूप में दर्शन देंगे

Lord Mahakaal will appear in five forms in the last ride of Shravan month.
Lord Mahakaal will appear in five forms in the last ride of Shravan month.
सावन माह में निकलने वाली अंतिम सवारी में भगवान महाकाल पांच रूपों में दर्शन देंगे. सावन की अंतिम सवारी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे. सवारी को भव्य रूप देने के लिए इसमें सीआरपीएफ का बैंड भी शामिल होगा.
महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान की श्रावण माह में निकलने वाली सवारी के क्रम श्रावण माह की आखिरी सवारी 19 जुलाई रक्षाबंधन के पर्व पर निकलेगी. इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा.
पालकी में विराजित भगवान को दी जाएगी सलामी
महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा. उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि सावन माह की अंतिम सवारी में सीआरपीएफ का बैंड शामिल होगा. वह खुद भी सवारी में शामिल होंगे.
गोण्ड जनजातीय का दल सवारी में सम्मिलित होगा
श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा. सवारी में शामिल होने वाले दल के प्रमुख प्रताप सिंह धुर्वे ने बताया कि आदिवासी गोड़ जनजाति का मैला करमा नृत्य कर्म की प्रेरणा देने वाला नृत्य है.
ग्राम वासियों में श्रम का महत्व है, श्रम को ही कर्मदेवता के रूप में मानते है..पूर्वी मध्यप्रदेश में कर्मपूजा का उत्सव मनाया जाता है. उसमें करमा नृत्य किया जाता है. इस नृत्य में युवक-युवतियाँ दोनों भाग लेते है और उनके बीच गीत रचना होड़ लग जाती है.