November 21, 2024

कोलकाता की घटना के बाद मध्य प्रदेश प्रशासन सख्त, सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों का पता लगाया जाएगा बैकग्राउंड

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Madhya Pradesh administration strict after Kolkata incident, background of government hospital employees will be ascertained

Madhya Pradesh administration strict after Kolkata incident, background of government hospital employees will be ascertained

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भोपाल। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत की घटना के बाद मप्र में भी स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतलों की सुरक्षा- व्यवस्था पुख्ता करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकारी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों की कुंडली जांची जाएगी। स्वास्थ्य आयुक्त ने सरकारी अस्पताल के सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी सहित अन्य कर्मचारियों के बैकग्राउंड की जांच के आदेश दिए हैं। इससे यह पता चल जाएगा कि अस्पतालों में काम करने वालों में से कोई किसी आपराधिक प्रवृत्ति का तो नहीं है।

इसके अलावा सभी अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल की सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों की जानकारी उपलब्ध करवाएं। इससे अस्पताल में सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता हो सकेगी। क्योंकि इन अस्पतालों में बड़ी संख्या में महिला डॉक्टर दिन-रात ड्यूटी करती हैं। हमीदिया हो या फिर जेपी अस्पताल, इनमें डाक्टर एक साथ ड्यूटी रूम साझा करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि यहां पुरुष और महिला डॉक्टरों के लिए अलग-अलग कमरे नहीं हैं।
जेपी अस्पताल में कमरों के दरवाजे टूटे, कैमरा भी नहीं
राजधानी के मॉडल जिला अस्पताल जेपी में बने ड्यूटी रूम में कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। कमरों के दरवाजे भी टूटे हुए हैं। कई बार कोई गार्ड भी ड्यूटी पर नहीं होता है। अस्पताल के कर्मचारियों के अनुसार मेडिसिन विभाग में 15 ड्यूटी डाक्टर हैं और एक समय में 10 से अधिक ड्यूटी पर रहते हैं, लेकिन यहां सिर्फ एक सामान्य ड्यूटी रूम हैं, जो काफी छोटे हैं। शौचालय की स्थिति खराब है, टूटे हुए बिस्तर हैं और वेंटिलेशन के लिए कोई जगह नहीं है। कई बिस्तरों पर तो सिर्फ सामान ही रखा जा रहा है।
शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं
चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि डॉक्टरों ने सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ। अस्पताल में डॉक्टरों के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। कोई भी घूमते हुए किसी भी वार्ड में घुस सकता है।
डॉ. राकेश मालवीय के अनुसार, बड़ी संख्या में स्वजन और कई असामाजिक तत्व बिना किसी जांच के गलियारों में बैठे रहते हैं। इतना ही नहीं मरीजों के स्वजन द्वारा दुर्व्यवहार के समय भी मौके पर गार्ड नहीं होता है, हमें उसे ढूंढना पड़ता है।

सुरक्षा बढ़ाने और CCTV की जांच के निर्देश

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