आजीविका मिशन की प्रबंधक ने मांगी रिश्वत, जिला पंचायत CEO ने 24 घंटे में दिए 2 अहम निर्देश
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Manager of Livelihood Mission asked for bribe, District Panchayat CEO gave 2 important instructions in 24 hours
उमरिया में Manager of Livelihood Mission में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। फोन पे के माध्यम से पैसे लिए जा रहे हैं। जिला प्रबंधक माधुरी शुक्ला पर बैंक सखी से रिश्वत लेने का आरोप है। सीईओ जिला पंचायत ने माधुरी शुक्ला को पद से हटा दिया है। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उजागर हुआ।
उमरिया ! उमरिया में आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां खुले आम फोन पे के माध्यम से पैसा लिया जा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब फोन पे का स्क्रीन शॉट वायरल हुआ।
सरकार की जीरो टोलरेंस नीति पर सवाल
इस घटना से प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति पर सवाल उठ रहा है। उमरिया जिले में सरकारी कर्मचारी बिना डरे अपने मातहतों से पैसों की डिमांड कर अपनी जरुरतें पूरी कर रहे हैं। लोगों की आजीविका को सुधारने का जिम्मा जिस विभाग के पास है, वह इन दिनों स्वयं की आजीविका सुधारने में लगा हुआ है।
क्या है मामला
आजीविका मिशन में पदस्थ मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक (सूक्ष्म वित्त) माधुरी शुक्ला ने बैंक सखी से ऑडिट कराने के नाम पर फोन पे के माध्यम से रिश्वत ली। बैंक सखी ने इसकी शिकायत डीपीएम और सीईओ जिला पंचायत से कर दी है। वहीं, जिस फोन पे नंबर पर पैसा डाला गया, उसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।
लंबे समय से चल रहा है भ्रष्टाचार
पूरा मामला वर्षों से चल रहे लेने देन से जुड़ा हुआ है। यह खेल पूर्व डीपीएम प्रमोद शुक्ला के समय से चला आ रहा है, जो अभी तक अनवरत जारी है। मामला तब सामने आया जब बैंक सखियों ने अपनी व्यथा शिकायती पत्र में लिखी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पैसा आजीविका मिशन में नौकरी करने वाली कंचन गुप्ता के नाम से गया है, जो फिर बाद में आपस में बांट लिया जाता है। बैंक सखी द्वारा की गई शिकायत का यह पहला नमूना है। इससे पहले भी न जाने कितने लोगों से पैसा वसूल किया गया है।
अब सबसे खास बात यह है कि जिले में लगभग 45 से 50 FLRCP अर्थात फाइनेंशियल लिट्रेसी रिसोर्स पर्सन हैं, जिनको बिना कार्य के ही भुगतान कर दिया गया वह भी अधिया में। मानपुर जनपद पंचायत क्षेत्र में बहुत सी ऐसी हितग्राही हैं, जिनको पैसा देकर आधा वसूल लिया गया है।
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बैंक सखियों के पास नहीं हैं नियुक्ति पत्र
इससे बड़ी बात यह है कि जिले में जो 45 से 50 बैंक सखी कार्य कर रही हैं, उनके पास किसी तरह का नियुक्ति पत्र नहीं है और न ही विधिवत उनकी नियुक्ति की गई है। बस सारा काम मिल बांट कर हो रहा है। जिसमें ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत का पालन हो रहा है। बैंक सखियों के माध्यम से भी जम कर पैसा वसूला जा रहा है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि आधा माधुरी मैडम के पास आता है।
जिला पंचायत सीईओ ने लिया एक्शन
फोन पे का स्क्रीन शॉट और शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीपीएम तो शून्य रहे लेकिन सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ने मामले पर संज्ञान लिया। उन्होंने आनन फानन में एक आदेश जारी कर माधुरी शुक्ला को पदीय दायित्व से हटा दिया। उनकी जगह सुनील बारस्कर को दायित्व सौंपा गया। इसी बीच रात भर में ही कुछ ऐसा हो गया जिसके बाद इस आदेश में आंशिक संशोधन जारी किया गया। दूसरे आदेश में माधुरी शुक्ला को मात्र वित्त के कार्य दायित्व से अलग किया गया। वित्त मामलों का प्रभार अब सुनील बारस्कर संभालेंगे। हालांकि इन आदेशों पल लोग सवाल उठा रहे हैं।
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