राष्ट्रीय सरपंच संघ की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक: मांगों की प्रगति और आगामी रणनीति पर विचार
Meeting of state officials of National Sarpanch Association: Consideration of progress of demands and upcoming strategy.
राजीव रंजन झा
भोपाल ! राष्ट्रीय सरपंच संघ की गांधी भवन भोपाल में बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश भर से संघ के पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष शामिल हुए। यह बैठक संघ की गत 23 जुलाई 2024 को प्रदेश सरकार को सौंपे गए ज्ञापन की प्रगति की समीक्षा और भविष्य की राजनीतिक रणनीति तय करने के उद्देश्य से बुलाई गई थी। इस ज्ञापन में सरपंचों की विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई थी।
बैठक के प्रमुख मुद्दे
बैठक की शुरुआत संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह तोमर के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने ज्ञापन की मौजूदा स्थिति और सरकार के रुख पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ज्ञापन में जिन मुद्दों को उठाया गया था, उनमें से कुछ पर सरकार ने ध्यान दिया है, लेकिन अब भी कई महत्वपूर्ण मांगें अनसुलझी हैं। तोमर ने कहा कि इस स्थिति में संघ को एक सशक्त और एकजुट रणनीति अपनानी होगी ताकि सरपंचों की आवाज को और प्रभावी ढंग से उठाया जा सके।
23.07.2024 को सरकार को सौंपे गए ज्ञापन की प्रमुख मांगें
ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित मांगें रखी गई थीं:
सरपंचों के अधिकारों में वृद्धि: सरपंचों के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों को बढ़ाने की मांग की गई थी, ताकि वे अपने ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को स्वतंत्र रूप से और प्रभावी ढंग से संचालित कर सकें।
पंचायती राज संस्थाओं की स्वायत्तता : पंचायती राज संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने और उनके निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि करने की मांग की गई थी, जिससे ग्राम स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके।
स्थानीय समस्याओं का समाधान: हर जिले में सरपंचों की स्थानीय समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए एक विशेष समिति के गठन की मांग की गई थी।
चर्चा के प्रमुख बिंदु और निर्णय
बैठक के दौरान सभी प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों ने ज्ञापन पर हुई प्रगति पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कई सदस्यों ने सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जताई और अधिक आक्रामक रवैया अपनाने का सुझाव दिया। इसके साथ ही, कुछ सदस्यों ने बातचीत और संवाद के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति का समर्थन किया।
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि संघ की आगे की रणनीति तय करने का पूरा अधिकार प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह तोमर को दिया जाएगा। तोमर ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे अगले 15 दिनों के भीतर एक विस्तृत और प्रभावी रणनीति की घोषणा करेंगे, जिसमें सरकार के साथ आगे की बातचीत, धरना-प्रदर्शन, और आवश्यकतानुसार अन्य कदम शामिल हो सकते हैं।
आगे की राह
राजबीर सिंह तोमर द्वारा आगामी रणनीति की घोषणा से पहले, संघ के सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में जनसमर्थन जुटाने के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने सभी सरपंचों से अपील की कि वे अपने-अपने ग्राम पंचायतों में संघ के उद्देश्यों और मांगों को लोगों तक पहुंचाएं, ताकि आंदोलन को जनसमर्थन मिल सके।
निष्कर्ष
यह बैठक राष्ट्रीय सरपंच संघ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें संघ की आगामी दिशा तय की गई है। सरकार के सामने सरपंचों की मांगों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने और उन पर कार्रवाई करवाने के लिए संघ की एकजुटता और रणनीति निर्णायक साबित होगी। राजबीर सिंह तोमर की नेतृत्व क्षमता पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और उनके द्वारा आगामी 15 दिनों में घोषित की जाने वाली रणनीति संघ के भविष्य की दिशा निर्धारित करेगी।