एनसीएल की बड़ी योजना: सिंगरौली में बस्ती का पुनर्वास और 60 करोड़ टन कोयला खनन का लक्ष्य
NCL’s big plan: rehabilitation of settlement in Singrauli and target of mining 60 crore tonnes of coal
सिंगरौली । कोल इंडिया की शाखा एनसीएल एक बड़ी पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आरएंडआर) परियोजना की योजना बना रही है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बी साईराम ने कहा कि इसके तहत मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक बस्ती के निवासियों को स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है, जिसके नीचे 60 करोड़ टन खनन योग्य कोयला है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली में मोरवा बस्ती 927 हेक्टेयर में फैली हुई है।
यह एक बड़ी परियोजना है, जिसमें नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की मोरवा बस्ती को पूरी तरह स्थानांतरित किया जाएगा। साईराम ने कहा, अच्छी बात यह है कि इस अधिग्रहण में लोग पुनर्वास के लिए तैयार हैं। इसलिए आधी समस्या हल हो गई है, क्योंकि पहला प्रतिरोध लोगों की तरफ से ही आता है। उन्होंने कहा कि अब केवल मुआवजे की दरों और आरएंडआर लाभ को अंतिम रूप देना बाकी है। पिछले छह महीनों से एनसीएल पुनर्वास और पुनर्स्थापन पर लोगों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रही है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन एनसीएल की मदद कर रहा है और पुनर्वास के पहले चरण का ब्यौरा तैयार किया जाना है। सीएमडी ने कहा, मई से हम मुआवजे का पहला चेक देना शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 572.5 हेक्टेयर कृषि भूमि खाली कराई जानी है। सूत्रों के अनुसार कंपनी अभी भी योजना के विवरणों पर काम कर रही है, जिसमें वित्तीय पक्ष भी शामिल हैं। मोरवा बस्ती पुनर्वास और पुनर्स्थापन परियोजना बहुत बड़ी होगी और इस पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित व्यय होने का अनुमान है। इस परियोजना से 30 हजार परिवार प्रभावित होंगे और इसमें 22 हजार घरों, संरचनाओं का स्थानांतरण शामिल होगा।