पचमढ़ी अभ्यारण्य का नया नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर, मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय

New name of Pachmarhi Sanctuary after Raja Bhabhut Singh, many important decisions in Mohan government’s cabinet meeting
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को पचमढ़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। अब पचमढ़ी वन्य जीव अभ्यारण्य का नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर होगा। यह फैसला राजा भभूत सिंह की वीरता और जनजातीय समाज के प्रति उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया। बैठक की शुरुआत पचमढ़ी के राजभवन में वंदे मातरम् के गायन के साथ हुई। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि राजा भभूत सिंह की जन्म और कर्मभूमि पर यह विशेष बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि राजा भभूत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ साहसिक संघर्ष किया और उन्हें नर्मदा अंचल का शिवाजी माना जाता है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने राजस्व विभाग के बिल को स्वीकृति दी है। इसमें प्रमुख राजस्व आयुक्त और अभिलेख आयुक्त के पदों को मिलाकर नया पद “कमिश्नर लैंड रिसोर्स एंड मैनेजमेंट” बनाया गया है। अब लोगों को सीधे और पारदर्शी सुविधा मिले, इसके लिए आईटी का प्रवेश राजस्व विभाग में जल्द हो। अब तहसीलदार को दो श्रेणी में बांटा जाएगा। राजस्व का न्यायालय देखने वाले न्यायालय देखेंगे और जो लॉ एंड ऑर्डर देखेंगे वो लॉ एंड ऑर्डर का काम ही देखेंगे। उन्होंने कहा कि आईटी के चलते अब विभाग के 500 पदों को समाप्त कर 1200 नए पद सृजित किए जाएंगे। इन नए पदों में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित पदों को प्राथमिकता दी जाएगी। विजयवर्गीय ने कहा कि यह तेज गति से राजस्व को चलाने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश होगा।
इसके अलावा बैठक में श्रम विभाग के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें ठेका श्रम विनियम उत्पादन अधिनियम 1970 में 20 ठेका श्रमिक को 50 तक बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। साथ ही कारखाना अधिनियम 1948 में 10 श्रमिक के स्थान पर 20 श्रमिक बिना हाथ से काम करने वाले यानी मशीन पर काम करने और हाथ से काम करने वालों की संख्या 20 से 40 की गई है। इन परिवर्तन से औद्योगिकरण में श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण करते हुए लेवर एक्ट में संशोधन किया है। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण में रात में काम करने की अनुमति देने हेतु श्रम कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। साथ ही, ठेका श्रमिकों से जुड़े नियमों को भी संशोधित किया जाएगा ताकि शोषण से बचाव हो सके। कैबिनेट ने इंदौर स्थित आईआईटी में “एग्रो आईआईटी हब” स्थापित किया जाएगा। यह हब कृषि क्षेत्र में नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें अच्छे बीज हो, अच्छी खेती और उत्पादन बढ़े इसको लेकर काम होगा। ताकि खेती लाभ का धंधा बनें।
विजय शाह तीसरी बार कैबिनेट से नदारद
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। यह लगातार तीसरी बार है जब वे बैठक से अनुपस्थित रहे। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान को लेकर चल रही जांच के बीच उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है।