जिला चिकित्सालय में बढ़ते मरीज़, हेल्थ फॉर ऑल के नाम पर कई पद खाली, प्राइवेट हॉस्पिटल की चांदी
Number of Increasing patients in the district hospital, several positions vacant in the name of health, benefiting private hospitals.
Special Correspondent, Sahara Samachaar, Katni
कटनी। जिला चिकित्सालय में बढ़ते मरीज और जनसंख्या के आधार पर सुविधा बढ़नी चाहिए जिससे मरीजों को लाभ मिल सके

कई पद खाली है जिसे लेकर परेशानी बढ़ रही है खाली पद भरने चाहिए जिससे लोगों को लाभ मिल सके जानकारी के अनुसार डॉक्टर अठया जिस पद में थे वह पद भी खाली है उनकी पदोन्नति करके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया गया है कुछ जानकारी चाहिए हो तो वह फोन भी नहीं उठाते हैं वर्ष 2023… की शुरूआत से ही स्वास्थ्य के लिए थीम ‘हेल्थ फॉर ऑल’ रही है। जिले की आबादी के अनुपात में रोग विशेषज्ञों व चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत पद होने के बाद भी उन्हें इस साल के चल रहे अंतिम दिनों तक नहीं भरा गया है। शासन स्तर से होने वाली पदस्थापना या फिर नियुक्ति के लिए जिले से कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अब भी जिला अस्पताल में 18 रोग विशेषज्ञ व 14 चिकित्सा अधिकारियों के जिम्मा है। इसकी वजह से जिला अस्पताल पहुंचाने वाले मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मरीज इलाज कराने के लिए भटकते हैं और प्राइवेट अस्पालों के साथ ही पड़ोसी जिले जबलपुर सहित अन्य बड़े शहरों को जाने मजबूर हो रहे हैं। हर एक हजार पर एक डॉक्टर दंत विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक को देखा जाए तो सि इस मानक के अनुसार छोटे जिलों में एक हजार के आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। वहीं पूरे जिले है की आबादी पर नजर डाली जाए तो जिला अस्पताल स में कार्यरत 32 प्रथम श्रेणी व चिकित्सा अधिकारी इस नि मानक के सामने पूरे नहीं जिले के साथ ही चार पड़ोसी जिले से आ रहे मरीज जानकारी के मुतबिक जिले की ही आबादी करीब 14 लाख है। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र से लोग जिला अस्पताल ही पहुंचते हैं। ऐसे में जिले की सीमा से लगे पड़ोसी जिले उमरिया, पन्ना, मैहर सहित दमोह के ग्रामीण क्षेत्रों से भी मरीज यहां पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां पर रोग विशेषज्ञों के नहीं मिलने पर उनके हाथों में भटकाव ही आ रहा है। जानकार बताते हैं कि जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर स्वयं के क्लीनिक भी चलाते हैं जिससे मरीजों को और परेशानी होती है