January 18, 2025

धान उपार्जन 2024-25: मिलर्स की समस्याओं का समाधान अनिवार्य, लंबित भुगतान और सुविधाओं की मांग

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Paddy procurement 2024-25: Solution to millers’ problems mandatory, demand for pending payment and facilities

  • प्रदेश के मिलर्स की समस्याओं का समाधान अनिवार्य, धान मिलिंग के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग

जितेन्द्र श्रीवास्तव (विशेष संवाददाता)

जबलपुर ! जैसा कि ज्ञात है, 2 दिसंबर से प्रदेश में धान उपार्जन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। शासन की मंशा है कि परिवहन, भंडारण एवं सूखत से होने वाली क्षति को कम करने के लिए अधिक से अधिक धान समितियों से सीधे मिलर्स को मिलिंग हेतु धान का प्रदाय किया जाए। हालांकि, प्रदेश के मिलर्स की कई समस्याओं के निराकरण के बिना वर्ष 2024-25 में उपार्जित धान की मिलिंग प्रक्रिया चालू कर पाना संभव नहीं है।

मुख्य समस्याएं और उनके समाधान की मांग:

लंबित भुगतान का अभाव:

वर्ष 2022-23 और 2023-24 में मिलर्स द्वारा जमा किए गए बारदाने, मिलिंग, परिवहन, और हमाली की राशि अब तक अप्राप्त है। इसके अलावा, सीएमआर के साथ मिक्सिंग में उपयोग किए गए 1% FRK चावल और जमा किए गए अतिरिक्त बारदाने की राज्यांश राशि भी नहीं मिली है।
मांग: मिलर्स को इन लंबित राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए ताकि वे आर्थिक कठिनाइयों से उबर सकें और धान मिलिंग अनुबंध करने में सक्षम हो सकें।

अपग्रेडेशन राशि का आदेश:

भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्रतिवर्ष मिलर्स को रेशों अनुसार अपग्रेडेशन राशि दी जाती है। परंतु उपार्जन वर्ष 2023-24 और आगामी 2024-25 के लिए अपग्रेडेशन राशि जारी करने संबंधी आदेश अब तक जारी नहीं हुए हैं।
मांग: उपार्जन शुरू होने से पहले अपग्रेडेशन राशि संबंधित आदेश जारी किए जाएं।

लोडिंग-अनलोडिंग के भुगतान का अभाव:

उपार्जन वर्ष 2023-24 की मिलिंग में चावल की गोदाम प्वाइंट की अनलोडिंग के लिए मात्र 4.75 रुपये प्रति क्विंटल के भुगतान का निर्देश दिया गया है। हालांकि, धान की लोडिंग-अनलोडिंग और चावल की मिल प्वाइंट लोडिंग की राशि पर कोई आदेश नहीं आया है।
मांग: बढ़ती महंगाई को देखते हुए सभी प्रकार की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए उचित भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश जारी हो।

FRK चावल मिक्सिंग का भुगतान:

निर्देशानुसार, सीएमआर चावल में 1% FRK (फ्रैक्शनल राइस कर्नेल) मिक्सिंग करके जमा किया जाता है। हालांकि, इस कार्य के लिए प्रतिवर्ष मिलर्स को दी जाने वाली 5 रुपये प्रति क्विंटल की राशि का भुगतान 2023-24 के लिए अब तक नहीं हुआ है।
मांग: नान और विभाग मिलर्स को लंबित भुगतान तुरंत करें।

समाधान की आवश्यकता:

इन समस्याओं के निराकरण के बिना प्रदेश में धान मिलिंग प्रक्रिया शुरू कर पाना असंभव है। मिलर्स की वित्तीय स्थिति सुधारने और अनुबंध प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।

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