मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां शुरू, ओबीसी कल्याण आयोग में कुसमारिया को अध्यक्ष और मौसम बिसेन को बनाया सदस्य

Political appointments started in Madhya Pradesh, Kusmaria appointed as Chairman and Mausam Bisen as member in OBC Welfare Commission
भोपाल। हेमंत खंडेलवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के 21 दिन के भीतर ही मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर बड़ा निर्णय हुआ है। बुधवार को डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया को ओबीसी कल्याण आयोग का अध्यक्ष और मौसम बिसेन को सदस्य बनाने का आदेश जारी हुआ है। इसके साथ ही पार्टी ने राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत के संकेत दे दिए हैं।
मौसम बिसेन पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की बेटी हैं, जो वर्ष 2021 में आयोग के गठन के साथ अगस्त 2023 तक इसके अध्यक्ष रहे। अब उनकी जगह ओबीसी आयोग के अध्यक्ष कुसमारिया को कल्याण बोर्ड का भी अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही संतुलन की दृष्टि से मौसम को सदस्य बनाया गया है।
बालाघाट से टिकट दिया था
बता दें कि पार्टी ने मौसम बिसेन को विधानसभा चुनाव में भी बालाघाट से टिकट दिया था। बाद में इसे बदलकर गौरी शंकर बिसेन को लड़ाया था, जिसमें वह हार गए थे। मौसम की नियुक्ति के साथ उन नेताओं में भी निगम, मंडल और आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनने की आस जगी है, जो लंबे समय से प्रतीक्षा में हैं। इसमें विधानसभा चुनाव हार चुके तो कुछ कांग्रेस से आए नेता भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकसभा चुनाव के पहले 13 फरवरी 2024 को 46 निगम, मंडल और आयोगों में नियुक्तियां रद कर दी थीं। सभी नियुक्तियां शिवराज सरकार में हुई थीं। 25 पदों पर 2021 में नियुक्तियां हुई थीं।
शैलेन्द्र बरुआ, जितेन्द्र लिटोरिया और आशुतोष तिवारी जैसे भाजपा के संगठन मंत्रियों को भी निगम मंडलों में जगह मिली थी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 सामाजिक कल्याण बोर्ड भी बनाए थे। हालांकि, इनकी नियुक्तियां रद नहीं की गई थीं।
नए प्रदेश अध्यक्ष की प्रतीक्षा में टलती रहीं नियुक्तियां
माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियां प्रारंभ होंगी, पर अध्यक्ष का निर्वाचन दो जुलाई 2025 को पूरा हो पाया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य नहीं होने से कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है अब चरणबद्ध तरीके सभी निगम मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्तियां शीघ्र होंगी।
सबसे पहले उन्हें लिया जा सकता है, जिनके लिए दावेदार कम हैं और नियुक्ति में अंदरूनी विरोध होने की संभावना नहीं है। सत्ता-संगठन के सामंजस्य से सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए नियुक्तियां की जाएंगी। प्रदेश में वर्ष 2028 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस कारण पार्टी का पूरा जोर संतुलन पर रहेगा, जिससे कोई नाराज नहीं होने पाए।
अगले चरण में कैबिनेट विस्तार की संभावना
राजनीतिक नियुक्तियों के बाद अगली कड़ी में सरकार मंत्रिमंडल में रिक्त तीन पदों को भरने के लिए कैबिनेट का विस्तार भी कर सकती है। कई महीने से विस्तार की अटकलें चल रही हैं।