प्रेस क्लब नलखेड़ा ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ की बड़ी पहल
Press Club Nalkheda took a big initiative against quack doctors.
- जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा शिकायती आवेदन
चंदा कुशवाह ( संवाददाता )
नलखेड़ा ! क्षेत्र में बढ़ते झोलाछाप डॉक्टरों के आतंक और जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ को लेकर अब प्रेस क्लब नलखेड़ा ने निर्णायक कदम उठाया है। बीते मंगलवार को प्रेस क्लब प्रतिनिधिमंडल ने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचएमओ) को एक शिकायती आवेदन सौंपा, जिसमें झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
आवेदन में उल्लेख किया गया कि नलखेड़ा नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कई झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी चिकित्सकीय योग्यता के लोगों का इलाज कर रहे हैं। इससे न केवल मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है, बल्कि शासन के स्वास्थ्य नियमों का भी खुला उल्लंघन हो रहा है।
प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं राज्य में झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त अभियान चलाने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन नलखेड़ा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। आवेदन में इस बात पर नाराजगी जताई गई कि पूर्व में जिन झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग ने सील लगाई थी, उन्होंने सील तोड़कर पुनः अपने क्लीनिक चालू कर लिए, जो सीधा-सीधा कानूनी अपराध है।

प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश कश्यप ने कहा कि प्रेस क्लब ने यह शिकायत जनता की सुरक्षा और जनहित में दी है। जब प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तब मीडिया को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। अब स्वास्थ्य विभाग को यह साबित करना होगा कि मुख्यमंत्री के निर्देश सिर्फ कागजों में नहीं, जमीन पर भी लागू होते हैं।
आवेदन में यह भी मांग की गई है कि जिन झोलाछाप डॉक्टरों ने सील तोड़ी है, उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाकर उनके क्लीनिकों को स्थायी रूप से बंद कराया जाए।
प्रेस क्लब ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में यह लापरवाही किसी बड़ी जनस्वास्थ्य त्रासदी का कारण बन सकती है। छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में जिस तरह जहरीली दवा से मासूम बच्चों की मौत हुई थी, उसी तरह झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गलत दवा या इलाज नलखेड़ा क्षेत्र में भी किसी गंभीर हादसे का रूप ले सकता है। इसलिए इस खतरे को देखते हुए तत्काल और ठोस कार्रवाई आवश्यक है।
जनता और मीडिया की बढ़ती जागरूकता के बीच अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या स्वास्थ्य विभाग वास्तव में इन झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कस पाएगा या मामला फिर से फाइलों में दबकर रह जाएगा।
इस संबंध में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश देहलकर ने कहा कि, झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जांच कराई जाएगी। यदि किसी ने सील तोड़ी है या अवैध रूप से इलाज किया जा रहा है, तो उसके विरुद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।