विधि विभाग को भेजा प्रतिवेदन, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वाहनों के फिटनेस पर शुरू की सुनवाई
बिलासपुर.
बिलासपुर हाईकोर्ट ने वाहनों के फिटनेस को लेकर स्वतः संज्ञान मामले में सुनवाई शुरू कर दी है। आज सुनवाई के दौरान शासन ने बताया कि परिवहन सचिव ने इस बारे में एक प्रतिवेदन राज्य के विधि विभाग को भेज दिया है। कोर्ट ने परिवहन विभाग को 15 दिन का समय देकर विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश के दिया है।
बिलासपुर के आरटीओ ऑफिस में फिटनेस जांचने वाली मशीन खराब हो चुकी है। इस वजह से बड़े वाहनों, बसों और एंबुलेंस की भी फिटनेस जांच नहीं हो रही है। अभी ऐसी कई गाड़ियां कतार में हैं, जिनका फिटनेस लंबित है, कुछ वाहन अन्य राज्यों के भी हैं। बीते दिनों इससे संबंधित समाचार स्थानीय मीडिया में प्रकाशित हुआ था। बताया गया कि शहर में व्यावसायिक वाहन जिनमें ट्रक, बस, वैन आदि शामिल हैं। सभी बिना फिटनेस जांच कराए ही लंबे समय से चल रहे हैं। इनमें मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने वाली एंबुलेंस के अलावा बड़ी संख्या में स्कूल बसों की है। खतरनाक स्थिति में चलाई जा रही इन बसों में नौनिहालों को जान खतरे में पड़ रहा है। रास्ते में कभी भी कोई अप्रिय स्थिति आ सकती है। आज बुधवार को शासन ने बताया कि प्रदेश के परिवहन सचिव ने इस बारे में एक प्रतिवेदन तैयार करने के बाद उसे विधि विभाग को भेज दिया है। शासन ने आज कोर्ट से समुचित कार्रवाई के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। इस पर डीबी ने सिर्फ 15 दिन का समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई दीपावली अवकाश के बाद निर्धारित की है।