केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी कार्यकर्ताओं के सभा का दौर जारी, जमकर बोल रहे कांग्रेस पर हमला.

Central Minister Jyotiraditya Scindia continues his election campaign, launching a strong attack on the Congress while addressing party workers’ meeting.
संतोष सिंह तोमर
भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार चुनावी मोड में चल रहे है । लगातार वो रोज़ कई कई कार्यकर्ता सम्मेलन व सभाओं में हज़ारों लोगों को सम्बोधित कर रहे है। अशोक नगर प्रवास पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोकनगर ग्रामीण एवं शहरी, पिपरई, थुबन, सेहराई, बहादुरपुर व मुंगावली मंडल के भारतीय जनता पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं को संबोधित किया ।

दिग्विजय और कमलनाथ पर किया हमला
वहाँ दो भाई है छोटे भई और बड़े भाई । वो जोड़ी का लक्ष्य एक ही है और जब कुर्सी उन्हें दिखने लगती है तो दोनों के आँख चमकने लगते और कुर्सी की ही पूजा करते है और हमारी भाजपा कुर्सी को बस माध्यम समझती है मध्यप्रदेश के झंडे को बुलंद करने के लिए, ग़रीबों के उत्थान करने के लिए, गरीब शोषित वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए और राष्ट्र के झंडे को बुलंद करने के लिए ।
राम मंदिर भाजपा के संस्थापकों का सपना जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा किया
कार्यकर्ताओ के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व जैसे राजमाता विजयाराजे सिंधिया, दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुख़र्जी इन सभी वरिष्ठ नेताओं का का संकल्प था की अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना होनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मात्र 9 वर्षों में इस संकल्प को सिद्ध कर दिया, और 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ करोड़ों भारतीयों का सपना पूरा होने जा रहा है।
कांग्रेस पर बोला तीखा हमला
अपनी सभी सभाओं में केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर जम कर हमला किया। उन्होंने बताया की जब जब कांग्रेस के बड़े भाई -छोटे भाई को कुर्सी मिलती है तब एक ही काम होता है – यह लोग अपनी जेब भरते है और महिलाओं से इनको कोई मतलब नहीं है, आदिवासी समुदाय से कोई मतलब नहीं है, युवाओं से से कोई मतलब नहीं है – बस अपनी जेब भरनी है। इनका तो एक ही उदेश्य है ‘जान न जाए, वचन भले ही चले जाए’। कांग्रेस अपने आप को पिछड़ों की पार्टी बुलाती है पर असल में यह पार्टी पिछडो के विरोध में काम करती है, अखिलेश यादव जी जो मुलायम सिंह जी के बेटे होने के साथ साथ, पिछड़े वर्ग के प्रतिष्ठित नेता है उनके लिए कमलनाथ जी ने बोला की “अरे छोड़िये अखिलेश-वखिलेश को।” जो पूर्व मुख्यमंत्री नेताओं का सम्मान नहीं कर रहे वह आम जनता का क्या सम्मान करेंगे।
कांग्रेस ने प्रदेश को गड्ढे में डाला
18 साल तक भाजपा कार्यकर्ताओं ने तपस्या की हैं । इस मध्यप्रदेश को टूटा हुआ प्रदेश कांग्रेस ने बना दिया था । सड़क है लेकिन गड्ढा और सड़क में फ़र्क़ नहीं । लट्टू है पर ज्योति का प्रकाश नहीं । अस्पताल है पर डॉक्टर नहीं ।और वहाँ गड्ढे से इस राज्य को सर्वोच्च स्थान पर लेकर ये कार्यकर्ता आए है । और जनता व हम सभी को निर्णय करना है की पुनः भाजपा सरकार बनाकर मध्यप्रदेश व राष्ट्र का झंडा बुलंद करना है या पुनः उसी कांग्रेसी गड्ढे में डालना है
मुंगावली में सुनाया क़िस्सा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, जब मैं पहली बार 2002 में यहाँ आया था तो बस स्टैंड के पास मेरी पहली सभा लगी थी तो उस कार्यक्रम में एक वृद्घ मेरे पास आए , एक पानी बोतल उनके हाथ में थी जिसमें ब्राउन रंग का पानी था । मुझे लगा वो नाली का पानी था लेकिन उन्होंने बताया की ये पानी हमारे पानी सप्लाई की यूनिट से आती है और आपके कांग्रेस की सरकार में हम ये पानी पीने को मजबूर है । तो मैंने उस वक्त संकल्प लिया कि मुंगावली के लिए जब स्वच्छ जल की योजना लेकर आयूँगा तभी मुंगावली आयूँगा । उस वक्त 18.5 करोड़ की स्वच्छ जल की योजना मैं लेकर आया ।

अध्यात्म में मेरा विश्वास है
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा की मेरा अध्यात्म में बहुत विश्वास है । अध्यात्म में बताया गया है की व्यक्ति निवस्त्र इस दुनिया में आता है और व्यक्ति निवस्त्र ही इस दुनिया से चला जाता है । बस किसका कब बुलावा आए ये किसी को पता नहीं , ये बस ईश्वर को पता है । ईश्वर नहीं पूछने वाले की कितने बार सांसद बने या कितने बार मंत्री बने लेकिन ईश्वर ज़रूर पूछेंगे की मैंने तुम्हें पृथ्वी पर मौक़ा दिया क्या तुम अच्छे इंसान बने । और यही हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए । किसी के विरुद्ध ग़लत भाव नहीं , हमें अपनी लकीर लम्बी खींचनी हैं किसी और की लकीर छोटी नहीं ।
इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के पथ प्रदर्शक श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी , दीन दयाल उपाध्याय जी इनकी सोच और विचारधारा एक ही थी की भारत माता के झंडे को बुलंद करने के लिए बलिदान देना पड़े तो वो भी दे दिया ।