सिंदूर घाट के नाम से जाना जाएगा प्रतिमा विसर्जन घाट , गायत्री परिवार के आग्रह पर नपा अध्यक्ष ने अलग विसर्जन घाट बनाने दिया आश्वासन

The statue immersion ghat will be known as Sindoor Ghat
यज्ञ से वातावरण का परिष्कार होता है –गायत्री परिवार
हरिप्रसाद गोहे
आमला । जल गंगा संवर्धन अभियान के अन्तर्गत श्रमदान करके नितिन गाडरे ने गायत्री परिवार के निवेदन पर पूजन सामग्री विसर्जन की अलग व्यवस्था के साथ अलग विसर्जन घाट बनाने का आश्वासन दिया । इस मौके पर आमला के विभिन्न धार्मिक

और सामाजिक संगढनों ने श्रमदान कर जल सवंर्धन का संदेश दिया जिससे आने वाली पीड़ी को भरपूर पेयजल मिल सकें जल संवर्धन और जनजागृति के उद्देश्य से अखिल विश्व गायत्री परिवार जन अभियान परिषद प्रगतिशील व्यापारी संघ आमला अधिवक्ता संघ एवं अन्य संगठनो ने प्रचुर मात्रा में प्लास्टिक की पन्नियां और पूजन सामग्री को निकाल कर रमली रोड के मूर्ति विसर्जन घाट को साफ सुथरा किया इस अवसर पर गायत्री परिवार के वरिष्ठ शिशुपाल ढढोरे ने कहा कि जलाशय एवं घाटों को सहेजना प्रत्येक का कर्तव्य जिससे आने वाले समय में शुद्ध पानी हमें मिलता रहें जल गंगा संवर्धन अभियान में नदी/घाट की सफाई करना हमारा कर्तव्य है । गायत्री परिवार के प्रमुख ट्रस्टी बी पी धामोडे ने अपने जन्मदिन के अवसर पर श्रमदान कर कर जागरूकता का संदेश दिया।

गायत्री परिवार आमला के ट्रस्टी ठाकुरदास पवार , युवा प्रकोष्ठ निलेश कुमार मालवीय और नर्मदा प्रसाद सोलंकी , कैलाश धाकड़ , राजेश मालवीय, परसोड़ा के कृष्ण माथनकर, रमली के जगदीश दोडके अधिवक्ता नितिन देशमुख शमी खान मनोज कश्यप, मनोज विश्वकर्मा, जन अभियान के नितेश साहू प्रगतिशील व्यापारी संगठन से यशवंत चडोकर, रमेश पुंडे, गोलू देशमुख पूर्व जनपद सदस्य ससुन्द्रा आदि परिजन मौजूद रहें।
एनजीओ संचालक ममता बचले ,भावना बचले, पवन गोरले ने ओम साईं विजन की ओर से श्रमदान किया। पंडित राजेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि नदीयो का केवल पूजन ही नहीं बल्कि उनकी साफ सफाई भी एक अनिवार्य कर्त्तव्य है शिवराम सिंह उपनिरीक्षक रेल्वे सुरक्षा बल ने श्रमदान कर साफ सफाई के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होने बताया कि पेयजल प्लास्टिक मुक्त हो जिससे आने वाली पीड़ी भी शुद्ध पेयजल प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में जितेन्द्र शर्मा सतीश देशमुख धनराज धौलपुरिया मुकद्दम और नगर पालिका परिषद आमला के कर्मचारियों ने श्रमदान कर कचरा घाट से निकालकर निश्तार की व्यवस्था बनाई।