हरदा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया.
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Surendra Jain
The former president of Harda Municipal Council has resigned from the BJP’s state executive and primary membership of the BJP.
हरदा, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल के बचपन के मित्र सुरेंद्र जैन ने आज मप्र भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
कमल पटेल और सुरेन्द्र जैन ने साथ साथ राजनीति शुरु की। दोनों मित्र होने के साथ साथ एक दूसरे के गहरे राजदार भी हैं। कमल पटेल को विधायक व मंत्री बनाने सुरेन्द्र जैन ने दिन रात एक किया है। सुरेन्द्र जैन और उनकी पत्नि को अनेक बार नगर पालिका अध्यक्ष बनवाने में कमल पटेल ने हरसंभव मदद की है।
हरदा की राजनीति में यह दोनों नेता दो शरीर एक जान माने जाते थे। दोनों सगे भाइयों से ज्यादा खास बनकर रहने वाले यह दोनों नेता अब एक दूसरे की शक्ल भी देखना पसंद नहीं कर रहे हैं। दरअसल इस झगड़े की शुरुआत कमल पटेल के बेटे की सोशल मीडिया पर की गई बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी है। सुरेन्द्र जैन ने हरदा से विधानसभा टिकट की दावेदारी की तो कमल पटेल के बेटे ने उन्हें गद्दार और उनके खून में गद्दारी जैसे शब्द लिख दिए। यह बात सुरेन्द्र जैन से ज्यादा उनके बेटे को चुभ गई। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। मेरी जानकारी के अनुसार सुरेन्द्र जैन ने बड़ा दिल रखकर प्रयास किया कि टिकट मिलने के बाद कमल पटेल फोन करेंगे तो वे सभी शिकवे शिकायत भुलाकर हमेशा की तरह उन्हें जिताने में जुट जाएंगे। लेकिन कमल पटेल ने न तो फोन किया और न ही किसी माध्यम के जरिए संपर्क किया। बल्कि संदेश आते रहे कि सुरेन्द्र जैन के बिना चुनाव जीतकर दिखाऊंगा। सुरेन्द्र जैन ने अपने स्वाभिमान के खातिर आखिर भारी मन से भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मुझे लगता है कि सुरेन्द्र जैन का भाजपा छोड़ना कमल पटेल को भारी पड़ सकता है।