प्रतिनियुक्ति लेकर मलाईदार पदों पर वर्षों से जमे शिक्षक

Teachers stuck on lucrative posts for years by taking deputation
- समग्र शिक्षक संघ ने शासन को पत्र लिखकर जताई नाराजगी
भोपाल। मध्यप्रदेश समग्र शिक्षक संघ ने राज्य में प्रतिनियुक्ति की अवधि को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। संघ ने लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को मूल पदस्थापना पर भेजने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्र दुबे एवं प्रदेश संरक्षक मुरारी लाल सोनी ने इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन को पत्र प्रेषित किया है। संघ पदाधिकारियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि शासन के नियमों के अनुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि सामान्यत: 4 वर्ष तय है। विशेष परिस्थितियों में यह अवधि दोनों विभागों की सहमति से केवल 3 वर्ष और बढ़ाई जा सकती है, लेकिन वर्तमान में नीति के विपरीत अनेक अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक ऐसे हैं, जो व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं। जो स्पष्ट रूप से प्रतिनियुक्ति नियमों के विपरीत है। संघ ने तर्क दिया है कि प्रतिनियुक्ति की लंबी अवधि से मूल विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि प्रतिनियुक्ति का उद्देश्य केवल विशेष प्रशासनिक आवश्यकता की पूर्ति होती है, न कि व्यक्तिगत सुविधा से इसे स्थायी पदस्थापना का रूप देना है।
प्रतिनियुक्ति लेकर मलाईदार विभागों में जमे
संघ के अध्यक्ष सुरेशचंद दुबे का कहना है कि विभिन्न संगठनों से जुड़े कई शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और उनके परिजन मलाईदार विभागों में नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर 10 से 15 वर्षों से जमे हुए हैं। ऐसे सभी कर्मचारी, अधिकारियों और शिक्षकों को मूल विभाग में तत्काल प्रभाव से वापस भेजा जाए।
प्रतिनियुक्ति पर जमे लोकसेवकों की संपत्ति की जांच हो
संघ के प्रदेश संरक्षक मुरारीलाल सोनी का का आरोप है कि अनेक लोकसेवक कई वर्षों से नियमविरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर जमे हैं। वे शासन को आर्थिक रूप से खोखला कर रहे हैं। ऐसे लोकसेवकों की प्रति नियुक्ति समाप्त कर उनके कार्यकाल और संपत्ति की जांच कराई जाए।