यात्रियों से इतने रुपए वसूल रहा एयरपोर्ट, लखनऊ से दिल्ली फ्लाइट और व्हीलचेयर का किराया बराबर
Water increased by one and a half feet in the big pond, water level reached 1659
लखनऊ
लखनऊ एयरपोर्ट पर फ्लाइट से दिल्ली जाने जितना किराया 100 मीटर किसी बीमार को व्हील चेयर से ले जाने के बराबर है। भारत सरकार के दिशा निर्देश पर रेलवे स्टेशनों से लेकर बस अड्डों तक दिव्यांगों, वृद्धजनों और अशक्तों के लिए रैम्प-व्हील चेयर की निशुल्क सुविधा है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ऐसा नहीं है।
नौ जून को माल एवेन्यू में रहने वाले विजय अचार्य अपनी साली आशा पराशर को छोड़ने एयरपोर्ट पहुंचे। दिल्ली में रहने वाली आशा पराशर सीनियर सिटिजेन हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं। विजय आचार्य ने बताया कि फ्लाइट बुकिंग के समय उनको व्हील चेयर का विकल्प नहीं मिला। ऐसे में एयरपोर्ट पर उनको बताया गया कि यहां व्हील चेयर की सुविधा निजी प्रबंधन की ही एजेंसी ‘प्रणाम’ दे रही है। इसका जिक्र निजी प्रबंधन की लखनऊ एयरपोर्ट वेबसाइट पर भी प्रमुखता से दिया गया है। साथ ही प्रणाम सर्विस के कर्मचारियों ने बताया कि व्हील चेयर के लिए शुल्क देना पड़ेगा। हां कहना मजबूरी थी। तुरंत रसीद काट कर दे दी गई। इस रसीद संख्या 15806 में व्हील चेयर का शुल्क 3350 रुपये था जो विजय आचार्य ने दिया।
वहीं, जिस फ्लाइट 6ई 6008 से आशा पराशर जा रही थीं, उसका लखनऊ से दिल्ली के बीच किराया 3469 रुपये था। विजय आचार्य के अनुसार सरकार के निर्देश हैं, व्हील चेयर की सुविधा निशुल्क दी जानी चाहिए। यदि शुल्क ले भी रहे हैं तो यह बेहद ज्यादा है। जितना विमान का किराया उतना मात्र 100 से 125 मीटर की दूरी तक व्हील चेयर का शुल्क कतई न्यायसंगत नहीं है।
रोजाना एक से डेढ़ हजार यात्रियों को पड़ती है जरूरत
लखनऊ एयरपोर्ट से रोजाना औसतन 18 से 20 हजार यात्रियों की आवाजाही है। एयरलाइंस सूत्रों के अनुसार इनमें एक से डेढ़ हजार यात्रियों को व्हील चेयर की जरूरत पड़ती है।