सूर्यवंशी क्षत्रिय भोयर कुर्मी समाज ने ‘एकता की दिवाली’ मनाई, सामाजिक फिजूलखर्ची रोकने और युवक-युवती परिचय सम्मेलन का लिया संकल्प
 
                The Suryavanshi Kshatriya Bhoyar Kurmi community celebrated the ‘Diwali of Unity’, resolved to curb social waste and organize a youth-girl introduction conference.
सूर्यवंशी क्षत्रिय भोयर कुर्मी समाज ने ‘एकता की दिवाली’ मनाते हुए सामाजिक फिजूलखर्ची रोकने का संकल्प लिया है और साथ ही युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित करने की महत्वपूर्ण पहल पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी है। समाज के इस प्रगतिशील निर्णय की रूपरेखा अगली बैठक में तय की जाएगी।
अभूतपूर्व उत्साह के साथ संपन्न हुआ दीपावली मिलन समारोह
हरिप्रसाद गोहे
आमला। नगर में सूर्यवंशी क्षत्रिय भोयर कुर्मी समाज का दीपावली मिलन समारोह शुक्रवार को गणेश लॉन, बोड़खी में भारी संख्या में सामाजिक बंधुओं की उपस्थिति और अभूतपूर्व उत्साह के साथ संपन्न हुआ। समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष कृष्ण टिकारे और जिला अध्यक्ष राजकुमार राठोर ने मां गायत्री के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। यह आयोजन न केवल सदियों पुरानी संस्कृति और सामाजिक बंधुत्व का प्रतीक बना, बल्कि समाज को सशक्त और संगठित बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक प्रस्तावों पर सहमति का गवाह भी बना, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारियों, युवा समिति के सदस्यों और बड़ी संख्या में सामाजिक बंधुओं की सक्रिय भागीदारी रही।
युवक-युवती परिचय सम्मेलन की पहल पर बनी सर्वसम्मति
समारोह का सबसे बड़ा और प्रगतिशील निर्णय युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित करने पर सर्वसम्मति से मुहर लगना रहा। पदाधिकारियों और सदस्यों ने वैवाहिक संबंधों में आ रही कठिनाइयों और अनावश्यक व्यय को देखते हुए यह प्रस्ताव रखा, जिसे समाज के सभी वर्गों ने स्वीकार कर लिया। इस पहल को सामाजिक विवाह व्यय को कम करने और योग्य युवाओं को एक ही मंच पर अपने जीवनसाथी को चुनने का सीधा अवसर देने वाला कदम माना जा रहा है। इस महत्वपूर्ण निर्णय को धरातल पर उतारने के लिए, जल्द ही एक कोर कमेटी का गठन किया जाएगा, जो सम्मेलन की विस्तृत तिथि और रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए अगली बैठक में विचार-विमर्श करेगी।
फिजूलखर्ची रोकने और शिक्षा को प्राथमिकता का संकल्प
प्रांतीय उपाध्यक्ष कृष्ण टिकारे और जिला अध्यक्ष राजकुमार राठोर ने अपने संबोधन में ‘शिक्षित समाज ही सशक्त समाज’ के मंत्र को दोहराते हुए शिक्षा और एकजुटता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा आह्वान करते हुए, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों और विवाह-समारोहों में होने वाली अनावश्यक फिजूलखर्ची को सख्ती से रोकने का कड़ा संकल्प दिलाया। उनका स्पष्ट मत था कि इस प्रकार के व्यय को रोककर समाज के उत्थान, उच्च शिक्षा और जरूरतमंदों की सहायता जैसे रचनात्मक कार्यों में उपयोग किया जाना चाहिए। समाज के सभी सदस्यों ने इन सामाजिक सुधारों को लागू करने के लिए एकजुटता प्रदर्शित की।
युवाओं से संगठन को मजबूत करने का आह्वान
समारोह के अंत में, समाज के मेधावी छात्रों और वरिष्ठ जनों को सम्मानित किया गया। युवा समिति के पदाधिकारियों का आह्वान किया गया कि वे संगठन की मजबूती के लिए ग्राम इकाई स्तर तक सक्रिय हों और सामाजिक संरचना को और अधिक सशक्त बनाएं। सभी उपस्थित बंधुओं ने एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार संगठित रहने का सामूहिक संकल्प लिया।
 
				 
                                             
                                             
                                             
															 
															