बांधवगढ़ में संरक्षण नहीं, विवाद की गूंज: रेंजर पर आरोप और सियासी संग्राम

There is no protection in Bandhavgarh, but controversy reverberates: allegations against the ranger and political conflict
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व इन दिनों वन्यजीव संरक्षण से ज्यादा प्रशासनिक विवादों को लेकर चर्चा में है। इलाके के रेंजर अर्पित मैराल एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। कांग्रेस नेता कुनाल चौधरी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर रेंजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं और भाजपा सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है।
कुनाल चौधरी ने कहा भाजपा सरकार का प्रशासन कोर्ट के आदेश को अपनी जेब में रख जनता से तलवे चटवा रहा है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रेंजर जिसके क्षेत्र में 10 हाथियों की मौत हुई थी उस मामले को दबा गए और अब ग्रामीणों के साथ लगातार बदसलूकी की जा रही है।
वायरल वीडियो में ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है। ग्रामीणों का आरोप है कि रेंजर ने कथित रूप से तलवे चाटने जैसी भाषा का प्रयोग किया, जिससे जनाक्रोश भड़क गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।जब इस विवाद पर रेंजर अर्पित मैराल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यह मामला 150 एकड़ वनभूमि पर अवैध कब्जा हटाने का है। हमारी 100 से ज्यादा कर्मचारियों की टीम वहां गई थी। अतिक्रमण हटाने के दौरान गांव वालों का विरोध हुआ और कुछ गहमा-गहमी हो गई।
रेंजर ने वीडियो में आए आरोपों को नकारते हुए कहा कि जो व्यक्ति इस वीडियो को फैला रहा है वह पहले वन विभाग में कार्यरत था, लेकिन अनुशासनहीनता के चलते हटा दिया गया था। यह पूरी साजिश उसी की है। मैंने गांव वालों के लिए ऐसा कुछ नहीं कहा। हालांकि ग्रामीण इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि रेंजर का रवैया पहले से ही तानाशाही वाला रहा है। यह पहली बार नहीं है जब रेंजर ने हमारे साथ बदसलूकी की है। कई बार अपशब्द बोले गए हैं और हमारी बात तक नहीं सुनी जाती।