पुलिस चौकियों पर ताले पड़े रहने से चोरों की बले बले
Thieves are vulnerable due to police posts being locked
अंबाह ।अम्बाह नगर में जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई पुलिस चौकियां मात्र शो पीस बनकर रह गई है।
घटनाओं के बाद भी नगर की पुलिस चौकिया में पड़े ताले पर पुलिस का इस और कोई ध्यान नहीं है ,पुलिस अपने पास स्टाफ की कमी बता देती है, पर आमजन में असुरक्षा बढ़ रही है तो अपराधियों में पुलिस का खौफ घट रहा है। इसके चलते अपना घर छोड़कर सुकून से बाजार भी नहीं जा सकते। जनसुरक्षा-कानून व्यवस्था में पुलिस चौकियों का बड़ा रोल है। नगर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारी गंभीर नहीं है। बाजार सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से स्थापित की गई पुलिस चौकियों पर पुलिस कर्मचारी तैनात नहीं हैं। इनमें कुछ तो ऐसी पुलिस चौकी हैं। जिन पर हमेशा ताला लगा रहता है। इस कारण बाजार में वारदात होने की स्थिति में लोगों को तत्काल पुलिस सहायता मिल नहीं पाती। पुलिस गार्ड तैनात ना होने से इन , पोरसा चौराहा पुलिस चौकी के पास अक्सर जाम लगा रहता है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्ञात रहे कि इन चौकियों को बनाने के पीछे यही उद्देश्य था कि लोगों को तत्काल सहायता के साथ साथ इन चौराहों पर जाम की समस्या ना रहे। यहां बता दें कि नगर में पोरसा चौराहा, जग्गा चौराहा पुलिस चौकी काफी समय पहले बनवाई गई थीं। लेकिन अब यहां कोई भी पुलिस कर्मचारी तैनात नजर नहीं आता। इससे आम जनमानस में असुरक्षा की भावना बनी हुई है। पुलिस चौकी में पुलिस कर्मचारी मौजूद न रहने की बात से अधिकारी भी वाकिफ हैं। उन्होंने इस दिशा में कोई संज्ञान नहीं लिया है।जग्गा चौराहा , शहर के इस इलाके में काफी भीड़ रहती है। बीच बाजार का चौराहा होने के कारण दिन भर लोगों का आना-जाना बना रहता है। लेकिन यहां स्थापित पुलिस चौकिया में हमेशा ताला पड़ा रहता है। बाजार आने वाले लोग इसका उपयोग चौकिया के बाहर बैठकर सुस्ताने में करते हैं। और टमटम वाले पार्किंग स्टैंड समझ कर पार्किंग करते हैं, ,जग्गा चौराहे एवं पोरसा चौराहे पर भी दिन भर भीड़ जमा रहती है। लेकिन यहां पुलिस चौकी का तो दरवाजा तक नहीं खुलता। कोई भी वारदात होने पर लोगों को अपनी फरियाद लेकर थाने तक जाना पडता है। पुलिस चौकिया में अफसर ना होते हुए ताले पड़े रहते हैं जिसकी वजह से गुंडो के हौसले बुलंद रहते हैं, नागरिकों में हमेशा डर पैदा रहता है पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है