बाल विवाह कराने या सहयोग करने वालों को होगी जेल , देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन की सख्ती
Those who organize or support child marriage will be jailed, administration’s strictness to stop child marriage on Devuthani Ekadashi
भोपाल ! प्रदेश सरकार ने आगामी देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए कड़ी तैयारी शुरू कर दी है। इस दिन होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में बाल विवाह के मामलों को रोकने के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं।
सामूहिक विवाह आयोजकों से यह शपथ पत्र लिया जाएगा कि उनके कार्यक्रमों में किसी भी रूप में बाल विवाह नहीं होगा। प्रशासन ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है और बाल विवाह करने या इसे प्रोत्साहित करने वालों को दो साल तक की सजा का प्रावधान किया है।
इसके साथ ही, प्रशासन ने एक जाँच व्यवस्था बनाई है, जिसमें 10 विशेष टीमें तैनात की जाएंगी, जो सामूहिक विवाह कार्यक्रमों पर निगरानी रखेंगी। इन टीमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कहीं भी बाल विवाह ना हो और सभी विवाह नियमों के तहत ही संपन्न हों।
साथ ही, प्रशासन ने आयोजन से जुड़े सभी विभिन्न सेक्टरों को भी निर्देशित किया है। प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, कैटरिंग सेवाएं, बैंड, घोड़ी वाले और ट्रांसपोर्ट सेवा के संचालकों को भी बाल विवाह को रोकने में सहयोग देने के लिए कहा गया है।
धर्मगुरु और समाज के प्रमुखों से भी यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस अभियान में प्रशासन का साथ देंगे और समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे। इस कदम से प्रशासन का मुख्य उद्देश्य समाज में बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करना है और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना है।
सभी की सक्रिय भागीदारी से उम्मीद की जा रही है कि देवउठनी एकादशी पर आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम सुरक्षित और कानूनी रूप से सही तरीके से संपन्न होंगे, जिससे प्रदेश में बाल विवाह की घटनाओं में कमी आएगी।
यहां करें शिकायत
बाल विवाह की सूचना चाइल्ड लाइन के दूरभाष नंबर 1098 पर दे सकते हैं। इसके अलावा एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दे सकते हैं। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।