उमरिया में फिर हुई बाघ की मौत, जिम्मेदारों का हर बार की तरह जवाब- आपसी संघर्ष में गई होगी जान
Tiger died again in Umaria
उमरिया जिले में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ उनकी मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं। हाल ही में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के खितौली बीट (कक्ष क्रमांक RF 501) में एक मादा बाघ का शव मिला। मृत बाघिन की उम्र लगभग 1 वर्ष बताई गई है। यह घटना 8 जनवरी की है, जब वन विभाग की गश्ती टीम को एक सावक की मौत की सूचना मिली।
प्रारंभिक जांच में मौत का कारण दो बाघों के बीच आपसी संघर्ष बताया गया। हालांकि, इस दावे की पुष्टि अभी नहीं हुई है, जिससे प्रशासन की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाघों की मौत के मामलों में प्रशासन लापरवाही बरतते हुए इन्हें आपसी द्वंद्व बताकर मामले को खत्म कर देता है।
सूचना मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने मौके पर टीम भेजकर आवश्यक कार्रवाई शुरू की। वन विभाग, राजस्व विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बाघिन का पोस्टमार्टम किया गया। घटना स्थल से नमूने एकत्र कर 8 जनवरी को प्रयोगशाला भेजे गए। पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण और बाघों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमित गश्ती और प्रभावी जांच के अभाव में बाघों की मौत के असली कारणों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। बाघों की संख्या घटने के पीछे के वास्तविक कारणों की गहन जांच और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।