मां बगलामुखी मंदिर में बच्चे कर रहे छीना-झपटी, भिक्षावृत्ति का वीडियो वायरल; भोपाल मॉडल जैसी कार्रवाई की मांग — SDM व मंदिर प्रशासन पर सवाल
Video of children engaging in physical assault and begging at the Maa Baglamukhi Temple goes viral; demands for action similar to the Bhopal model—SDM and temple administration questioned.
संवाददाता: चंदा कुशवाह
नलखेड़ा। विश्वप्रसिद्ध माँ बगलामुखी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से जबरदस्ती भिक्षा मांगने और सामान छीनने की कोशिश का वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में कुछ बच्चे पर्यटकों और भक्तों के पीछे भागते, सामान पकड़ते और छीना-झपटी की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस घटना ने मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की चौकसी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का दावा सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है। धार्मिक पर्यटन स्थल होने के बावजूद सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने में प्रशासन नाकाम नजर आ रहा है।
भोपाल में भिक्षावृत्ति अपराध, नलखेड़ा में क्यों ढील?
भोपाल में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के तहत भीख मांगना और देना, दोनों को दंडनीय अपराध घोषित किया है। साथ ही भिक्षुकों के पुनर्वास की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों का सवाल है —
“जब यह सख्त कदम राजधानी में उठाया जा सकता है, तो नलखेड़ा जैसे भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल पर क्यों नहीं?”
SDM सर्वेश यादव की निगरानी और कार्रवाई पर सवाल
मंदिर परिसर में 24 घंटे पुलिसकर्मी और CCTV कैमरे मौजूद हैं। इसके बावजूद भिक्षावृत्ति और श्रद्धालुओं के साथ असुविधा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
लोगों का कहना है कि SDM नलखेड़ा सर्वेश यादव द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है और मंदिर क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिखते।
स्थानीय नागरिकों की प्रमुख मांगें
भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों की पहचान कर पुनर्वास कराया जाए
बच्चों को भिक्षा दिलाने वाले परिजनों/गिरोहों पर FIR
मंदिर परिसर में सुरक्षा एवं चेकिंग सिस्टम मजबूत किया जाए
बाल संरक्षण विभाग द्वारा नियमित अभियान चलाया जाए
त्वरित शिकायत और कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन स्थापित हो
“नलखेड़ा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्थल, व्यवस्था पर समझौता नहीं”
भक्तों ने कहा कि माँ बगलामुखी धाम की प्रतिष्ठा विश्वस्तरीय है। ऐसे में प्रशासन को भोपाल मॉडल लागू कर मंदिर क्षेत्र को भिक्षावृत्ति-मुक्त बनाना चाहिए।
“भोपाल में नियम लागू हो सकते हैं, तो नलखेड़ा में क्यों नहीं?”
यह सवाल अब स्थानीय समाज और श्रद्धालुओं का है।