November 22, 2024

सरेआम लहराई पिस्टल तो आर्म्स एक्ट के नियमों का उल्लंघन-HC

0

नई दिल्ली
 दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया कि हथियार भले लाइसेंसी हो, पर उसे किसी पब्लिक प्लेस पर ले जाना और सरेआम लहराना आर्म्स एक्ट के नियमों का उल्लंघन है। जस्टिस नवीन चावला ने यह टिप्पणी इंदर सिंह सोलंकी नाम के एक व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए की। याचिकाकर्ता ने उस आदेश को चुनौती देते हुए मौजूदा याचिका दायर की, जिसके जरिए उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 336 (दूसरों के जीवन को खतरे में डालते हुए हरकत करना) और 506 (आपराधिक रूप से धमकाना) के अलावा आर्म्स एक्ट के सेक्शन 30 (पब्लिक प्लेस पर हथियार ले जाने पर प्रतिबंध) के अपराध का आरोप भी तय करने का आदेश दिया गया।

क्या है पूरा मामला

पटियाला हाउस कोर्ट के एक सेशन जज ने अभियोजन की पुनर्विचार याचिका पर यह आदेश पारित किया था, जो मामले में आरोप तय करने को लेकर ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोलंकी के खिलाफ बाकी धाराओं में अपराध के आरोप तो तय किए, पर उसे आर्म्स एक्ट के सेक्शन 30 के तहत अपराध के आरोप से बरी कर दिया था।

क्या बोले जस्टिस नवीन चावला

जस्टिस नवीन चावला ने अपने जजमेंट में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को आर्म्स एक्ट के सेक्शन 30 के तहत अपराध के आरोप से बरी करके भारी गलती की थी, जिसे बाद में एएसजे ने ठीक कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि आर्म्स एक्ट के सेक्शन 30 के तहत लाइसेंस या रूल के उल्लंघन में की गई हरकत के लिए सजा का प्रावधान है। कोर्ट ने साफ किया कि किसी भी आर्म्स रूल का उल्लंघन, जिसके लिए कहीं किसी सजा का जिक्र न हो, आर्म्स एक्ट के सेक्शन 30 के तहत अपने आप में एक दंडनीय अपराध है। क्योंकि आर्म्स एक्ट का रूल 32(3) पब्लिक प्लेस पर हथियार ले जाने से रोकता है।

26 फरवरी 2021 में दर्ज हुआ था केस

मौजूदा केस 26 फरवरी 2021 में दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह जब अपने घर से बाहर आया, तो उसने देखा कि बाहर गैस पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा था और याचिकाकर्ता (सोलंकी) मजदूरों को काम करने से रोक रहा था। आपत्ति जताने पर वह शिकायतकर्ता से ही लड़ने लगा। आरोप के मुताबिक, उसने अपने बैग से लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाली और शिकायतकर्ता पर तानते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने वहां पुलिस को बुला लिया, जिसने याचिकाकर्ता से उसकी रिवाल्वर लेकर उसे जब्त कर लिया। हाई कोर्ट ने कहा कि मौजूदा केस में, याचिकाकर्ता पर सार्वजनिक रूप से हथियार लहराने का आरोप है। उसके पास से कथित तौर पर छह कारतूस जब्त किए गए हैं। इसलिए, प्रथम दृष्टया उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 336 के तहत अपराध का मामला बनता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor